प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बल्देयां का स्वास्थ्य रामभरोसे
प्रदेश सरकार भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करती आ रही हो लेकिन अभी भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में यह दावे हवा होते नजर आते हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश सरकार भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करती आ रही हो लेकिन अभी भी ये इलाके डॉक्टरों की राह देख रहे हैं। ऐसा ही हाल शिमला जिला के बल्देयां स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। तीन पंचायतों के केंद्र बिंदु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले तीन माह से कोई चिकित्सक तैनात नहीं है। जिस कारण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा चुकी हैं। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत दुर्गापुर, नीन और बल्देयां पंचायत की आबादी आती है। लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए शिमला की दौड़ लगानी पड़ती है। तीन माह पूर्व केंद्र में तैनात महिला चिकित्सक तबादला होने के बाद चली गई थी। उसके बाद से आज तक यहा डॉक्टर का पद रिक्त है। प्रशासन को लोगों की इस परेशानी से कोई सरोकार नहीं है। यही कारण है कि पीएचसी में चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई है। लोगों ने मांग की है कि पीएचसी में जल्द डॉक्टर की नियुक्ति की जाए।
कभी भी धराशाही हो सकता है भवन
बल्देयां के स्वास्थ्य केंद्र आने पर मरीज और अधिक बीमार हो सकते हैं। स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर है। कभी भी भवन जमींदोज हो सकता है लेकिन विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं है। स्वास्थ्य केंद्र जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह ढह गया है। मुख्य द्वार के बाहर लगा डंगा फरवरी 2018 में गिर गया था। बरसात में यहां धीरे-धीरे पत्थर गिर रहे हैं। इससे भवन को भी खतरा पैदा हो गया है। स्वास्थ्य केंद्र जाने की सीढि़यों में भी डंगा गिरने से दरार आ गई है।
तीन हजार लोग पीएचसी पर निर्भर
ग्राम पंचायत बल्देयां के तीन हजार लोग इस पीएचसी पर निर्भर हैं। प्राथमिक उपचार के लिए लोग इसी पीएचसी की राह पकड़ते हैं। सरकार व प्रशासन की अनदेखी के कारण अब पीएचसी भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है।
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लोक निर्माण विभाग को इस बारे लिखा है। फंड भी जारी किया जा चुका है। जल्द ही डंगा लगा दिया जाएगा। डॉ. निरज मित्तल, सीएमओ शिमला।