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आत्महत्या के लिए विवश किया गया था वनरक्षक होशियार सिंह को

वनरक्षक होशियार सिंह मौत मामले में सीबीआइ जांच में सामने आया है कि होशियार सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था इस मामले में सीबीआइ ने चार्जशीट भी तैयार कर ली है।

By Edited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 07:34 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 08:45 AM (IST)
आत्महत्या के लिए विवश किया गया था वनरक्षक होशियार सिंह को
आत्महत्या के लिए विवश किया गया था वनरक्षक होशियार सिंह को

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल के बहुचर्चित वनरक्षक होशियार सिंह की मौत मामले में सीबीआइ ने जांच पूरी कर ली है। जांच में पाया गया है कि करसोग की सेरी कतांडा बीट में तैनात होशियार सिंह को आत्महत्या के लिए विवश किया गया था। इसका मुख्य आरोप तत्कालीन डिप्टी रेंजर तेज राम पर लगा है। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने चार्जशीट तैयार कर ली है जिसे कभी भी कोर्ट में दाखिल किया जा सकता है। मुख्य आरोपित तेज राम को बनाया गया है। अब उन पर कोर्ट में मुकद्दमा चलेगा। इस मामले में हत्या होने के पुख्ता सुबूत नहीं मिल पाए हैं।

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जांच एजेंसी इस मामले में पहले क्लोजर रिपोर्ट तैयार करने के पक्ष में थी। लेकिन कानूनी सलाह लेने और निदेशालय के निर्देश पर जांच रिपोर्ट की दिशा बदली। मामले की तफ्तीश करने में करीब पौने दो साल लग गए। अब वन कटान से संबंधित दो और मामलों की जांच भी जन्द पूरी होगी। इसके बाद इनकी भी दो अलग- अलग चार्जशीट दायर की जाएंगी। डिप्टी रेंजर, वनरक्षक हुए चार्जशीट करसोग के तत्कालीन डिप्टी रेंजर तेज राम और वनरक्षक गिरधारी लाल पहले सस्पेंड व इसके बाद चार्जशीट किए गए।

अब इस मामले की विभागीय जांच के लिए सरकार ने सुंदरनगर के वन प्रशिक्षण संस्थान (एफटीआइ) के संयुक्त निदेशक राहुल को जांच अधिकारी लगाया है। तेज राम व गिरधारी लाल अब करसोग में नहीं हैं। वे सुंदरनगर ट्रांसफर हो गए थे। वे सस्पेंशन के छह महीने बाद बहाल हो गए थे। राजकुमार, डीएफओ, करसोग सरकार से विभागीय जांच की स्वीकृति मिली थी। इस कारण चार्जशीट किए गए दो वन कर्मियों के खिलाफ जांच चल रही है। इसमें सभी पहलुओं को गहनता से देखा जाएगा। राहुल, संयुक्त निदेशक, एफटीआइ, सुंदरनगर सीबीआइ ने दर्ज किए हैं तीन केस हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की शिमला ब्रांच ने 26 अक्टूबर को तीन अलग-अलग केस दर्ज किए थे। इनमें दो केस वन कटान और एक हत्या का था। पेड़ से उल्टा टंगा मिला था शव जून 2017 में होशियार सिंह की संदिग्ध हालत में मौत हुई थी। पुलिस को नौ जून को उसका पेड़ से उल्टा टंगा शव बरामद हुआ था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया। अगले दिन इसे आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में तबदील किया गया। इससे क्षेत्र के लोग भड़क गए थे। उन्होंने सड़क पर उतर कर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया था। क्या खाया था वनरक्षक ने पांच जून की सुबह शिक्षक पवन के घर में वनरक्षक होशियार सिंह ने चावल, दाल, सलाद, आलू मिक्स आदि खाए थे। यह भोजन आठ बजकर 45 मिनट से पहले किया गया था। उसका शव नौ जून को मिला।

दस जून को पोस्टमार्टम के दौरान यह भोजन पेट में ही पाया गया था। होशियार सिंह ने पांच जून को दोपहर एक बजकर 17 मिनट पर अपनी दादी को अंतिम फोन कॉल की थी। तब वह मौका-ए-वारदात के नजदीक रहा होगा। तीन लोग किए थे गिरफ्तार सीबीआइ ने पिछले साल तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। ये सभी अवैध वन कटान के मामले से जुड़े थे। इनमें एक वन अधिकारी भी शामिल था। सीबीआइ ने हाईकोर्ट के निर्देश पर गत वर्ष 26 अक्टूबर को हत्या, अवैध कटान व लकड़ी चोरी करने के संबंध में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। इस संबंध में एसआइटी गठित की गई थी जिसके मुखिया डीएसपी रैंक के अधिकारी थे।

नौ महीने के दौरान टीम कई बार मौके पर गई। सेरी कतांडा बीट में गरजूब के जंगलों की खाक छानी गई। स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की गई। बीट में देवदार का अवैध कटान हुआ था। इस संबंध में पूर्व सरकार ने अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एचएस डोगरा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। कमेटी ने जांच रिपोर्ट में पाया था कि क्षेत्र में बडे़ पैमाने में अवैध कटान हुआ था। सीआइडी की सिफारिश पर वन अधिकारियों की संपत्ति की जांच मंडी विजिलेंस को सौंपी गई थी। लेकिन यह जांच सिरे नहीं चढ़ पाई। सीआइडी ने पाया आत्महत्या का मामला सीआइडी ने जांच में वनरक्षक की मौत को आत्महत्या का मामला करार दिया। इसके जांच अधिकारियों ने जांच में तीन सुसाइड नोट बरामद किए थे। इनमें आत्महत्या के लिए वन काटुओं को जिम्मेदार ठहराया गया था।


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