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बैनमोर में दोमंजिला भवन धराशाही, केल्टी में पांच भवनों को खतरा

राजधानी शिमला में मानसून की पहली बारिश ने ही जमकर कहर बरपाया है। शनिवार सुबह राजधानी शिमला में भारी बारिश हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 06:52 AM (IST)
बैनमोर में दोमंजिला भवन धराशाही, केल्टी में पांच भवनों को खतरा
बैनमोर में दोमंजिला भवन धराशाही, केल्टी में पांच भवनों को खतरा

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में शनिवार को हुई बारिश ने काफी नुकसान किया है। शनिवार सुबह शहर में काफी बारिश हुई। बारिश के कारण नगर निगम के बैनमोर वार्ड में संजय राय का पुराना दोमंजिला भवन साथ लगते दोमंजिला भवन रूप विला लॉज पर गिर गया। इससे भवन की छत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। भवन में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है। जो भवन गिरा उसे नगर निगम ने कुछ दिन पहले ही असुरक्षित घोषित किया था, जिस कारण इस भवन में कोई रह नहीं रहा था। रूप विला लॉज में दो परिवारों के तीन बुजुर्ग प्रदीप मोहन और नरेश अबरोल व उनकी पत्नी रह रहे थे। सभी हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। घटना के समय नरेश अबरोल की पत्नी पूजा कर रही थीं कि अचानक छत पर धमाके की आवाज आई। इसके बाद वह बाहर की ओर दौड़ीं तो देखा कि भवन की छत क्षतिग्रस्त हो गई थी। दोनों परिवारों के बुजुर्गो को बाहर निकाला गया। ऐसे में यहां बड़ा हादसा होने से बच गया। रूप विला लॉज से बाहर आने का रास्ता भी पूरी तरह बंद हो गया है। इस कारण रूप विला में रह रहे तीन बुजुर्गो को अब बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा भवन के शौचालय भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। मकान ध्वस्त होने के धमाके की आवाज से सहम उठे लोग

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मकान के ध्वस्त होने की आवाज से लोग सहम गए। लोग घरों से निकलकर सड़क पर आ गए। नगर निगम की पार्षद किमी सूद भी घटनास्थल पर पहुंचीं और नुकसान का जायजा लिया। भवन में राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। एक माह पूर्व पुराने भवन को गिराने के दिए थे आदेश

एक माह पूर्व नगर निगम की संपदा शाखा ने भवन के असुरक्षित होने के कारण इसे गिराने के आदेश जारी किए थे। लेकिन निगम के यह आदेश मात्र कागजों तक ही सीमित रहे और भवन को गिराया नहीं गया। पहली बारिश में ही भवन धराशाही होकर साथ लगते एक भवन को क्षतिग्रस्त कर गया। महापौर ने किया मौके का निरीक्षण

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ बैनमोर वार्ड की पार्षद किमी सूद भी उपस्थित रहीं। महापौर ने राहत कार्य को तेज करने के निर्देश जारी किए हैं। केल्टी में पांच भवनों को खतरा जाग कर गुजार रहे हैं लोग रातें

राजधानी के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्र में भू-स्खलन के कारण पांच भवनों को खतरा पैदा हो गया है। भवनों के निचली ओर लगातार भू-स्खलन जारी है। इस कारण 25 परिवारों के करीब 90 लोग रातें जाग कर गुजार रहे हैं। बारिश होते ही लोग घरों से बाहर निकल जाते हैं। केल्टी निवासी जगदीश कुमार, सुनील कुमार, विजय, सुषमा देवी व सतीश वर्मा के भवन खतरे की जद में आ गए हैं। इन लोगों ने उपायुक्त को भी इस बारे अवगत करवाया है। प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। अवैध खनन है भू-स्खलन का कारण

केल्टी में काफी समय से सड़क के किनारे पत्थर बेचने के लिए खनन किया जा रहा है। इस कारण एक बड़ी पहाड़ी बन गई है और अब यहां पर लगातार भू-स्खलन हो रहा है। जिस कारण भवन को खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन प्रशासन ने इसकी कोई सुध नहीं ली।


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