छह लाख नए मीटर खरीदेगा विद्युत बोर्ड
प्रदेश के जिन घरों में पुराने मीटर टंगे हुए हैं ऐसे मीटर बदले जाने हैं। प्रदेश में छह लाख विद्युत मीटर लगने हैं मगर लंबे समय से मीटर लगाने का काम सिरे नहीं चढ़ रहा है। विद्युत मीटर लगाने के मामले में राज्य सरकार ने विद्युत बोर्ड को गंभीरता से कदम उठाने को कहा है। आने वाले समय में विद्युत मीटर लगाने का काम पूरा करना होगा। सरकार ने शीघ्र विद्युत मीटर लगाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में जिन घरों में पुराने बिजली मीटर लगे हैं, वे बदले जाएंगे। प्रदेश में बिजली के छह लाख नए मीटर लगने हैं। लेकिन लंबे समय से मीटर लगाने का काम सिरे नहीं चढ़ रहा है। अब बिजली मीटर लगाने के मामले में राज्य सरकार ने विद्युत बोर्ड को गंभीरता से कदम उठाने को कहा है। अब मीटर लगाने का काम जल्द पूरा करना होगा।
सरकार ने बिजली मीटर जल्द लगाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। वर्ष 2018 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद राज्य में बिजली मीटरों की सप्लाई नहीं हो पाई थी। राज्य विद्युत बोर्ड अगस्त में 30 हजार नए मीटरों की खरीद करेगा। मीटरों की खरीद प्रक्रिया शुरू होने के बाद अगस्त के बाद हर महीने 30 से 40 हजार मीटरों की खरीद की जाएगी। इस वित्त वर्ष के अंतिम महीने मार्च तक छह लाख मीटर खरीदने का लक्ष्य पूरा होगा। प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों सहित अन्य स्थानों पर बिजली के पुराने लकड़ी के खंभे बदलने के लिए भी बिजली बोर्ड प्रबंधन ने काम शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में प्रदेश में 10 हजार स्टील के खंभों की सप्लाई होगी। उसके बाद जिन-जिन क्षेत्रों में आवश्यकता है वहां ये खंभे लगाए जाएंगे। महंगे मिलेंगे बिजली मीटर
नए बिजली मीटरों की सप्लाई आने के बाद राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को मीटर के लिए अधिक दाम चुकाना पड़ सकता है। जीएसटी लागू होने से पहले सामान्य मीटर 1500 रुपये से 1700 रुपये में मिलता था। लेकिन नए मीटरों की सप्लाई आने के बाद इनका मूल्य दो हजार रुपये हो सकता है। स्मार्ट बिजली मीटर कम से कम तीन हजार रुपये में मिलेगा। जीएसटी लागू होने के बाद नए बिजली मीटर भी महंगे मिलेंगे। कम वोल्टेज से छुटकारा मिलेगा
प्रदेश में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां कम वोल्टेज की समस्या रहती है। ऐसे क्षेत्रों में इस समस्या से जल्द छुटकारा मिलेगा। राज्य विद्युत बोर्ड ने इस संदर्भ में पूरी रिपोर्ट तैयार कर दी है। इन क्षेत्रों में लंबी ट्रांसमिशन लाइन के कारण ऐसी दिक्कतें आ रही हैं। बिजली बोर्ड इन लाइनों को बदल कर छोटी करेगा और जगह-जगह ट्रांसफार्मर भी लगाएगा। इससे कम वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी। ट्रांसमिशन लाइन के लिए चाहिएं 105 करोड़
ऊर्जा राज्य हिमाचल में बिजली ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं हैं। हालांकि लाइन बिछाने के लिए करोड़ों रुपये चाहिए लेकिन सरकार क्या करे? ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से 105 करोड़ रुपये मांगेगी। ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के लिए एडीबी से प्रदेश को पूर्व में 223 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। वर्ष 2011 में 113 करोड़ और वर्ष 2014 में 110 करोड़ रुपये आ चुके हैं। अब सरकार एडीबी से 105 करोड़ का बजट मांगेगी।