हिमाचल में बंद हो सकते हैं 285 स्टोन क्रशर
हिमाचल में नदी नालों और खड्डों से सौ मीटर की दूरी पर स्थित स्टोन क्रशरों के मामले में एनजीटी ने हिमाचल सरकार की रिव्यू पटीशन को खारिज कर बड़ा झटका दिया है।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल में नदी, नालों और खड्डों से सौ मीटर की दूरी पर स्थित स्टोन क्रशरों के मामले में एनजीटी ने हिमाचल सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर बड़ा झटका दिया है। इसके साथ ही प्रदेश में 285 स्टोन क्रशरों के बंद होने की नौबत पैदा हो गई है। एनजीटी ने इन क्रशरों को लेकर एनजीटी के आदेश पर गठित कमेटी द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव की अध्यक्षता वाली इस कमेटी की रिपोर्ट को एनजीटी ने लागू करने के आदेश दिए हैं। इस आधार पर अब स्टोन क्रशरों को बंद करना पड़ सकता है।
प्रदेश की नदियों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर और नदियों के पानी के नहाने योग्य न रहने पर एनजीटी ने नदी, नालों और खड्डों से सौ मीटर की दूरी पर स्थित 285 स्टोन क्रशरों को बंद करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ हिामचल सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसके तहत स्टोन क्रशरो को बंद करने के मामले में एनजीटी में पुनर्विचार याचिका दायर करने और तब तक स्टोन क्रशरों को बंद करने के आदेश पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने एनजीटी नई दिल्ली में स्टोन क्रशरों के इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी जिसे एनजीटी ने खारिज कर दिया है।
सरकार ने जताया था रिपोर्ट पर विरोध कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार नदी, नालों और खड्डों से सौ मीटर की दूरी पर लगे स्टोन क्रशर इन्हें प्रदूषित कर रहे हैं। इससे नदियों में प्रदूषण फैल रहा है। सरकार ने इस रिपोर्ट पर विरोध जताया था। सरकार ने कहा था कि डमटाल के तीन स्टोन क्रशरों का निरीक्षण कर रिपोर्ट को तैयार किया गया है। लेकिन प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में नदी, नालों और खड्डों के समीप कई स्टोन क्रशर हैं।