छात्रवृत्ति घोटाला: अब सलाखों के पीछे होंगे करोड़ों रुपये डकारने वाले
Scholarship scam छात्रवृत्ति घोटाले के दोषी अब सलाखों के पीछे होंगे। सीबीआइ ने इस संबंध में कार्रवाई तेज कर दी है।
शिमला, रमेश सिंगटा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये डकारने वाले अब सलाखों के पीछे होंगे। सीबीआइ सूत्रों के अनुसार घोटालेबाजों की सूची काफी लंबी है। इस संबंध में नए केस भी दर्ज हो सकते हैं। हालांकि अभी तक एक ही केस दर्ज है। यह केस शिमला पुलिस की एफआइआर के आधार पर किया गया है। कुछ और केस दर्ज करने पर विचार हो रहा है। इस संबंध में सीबीआइ निदेशालय के साथ पत्राचार कर कानूनी राय व अनुमति मांगी जाएगी। निजी शिक्षण संस्थानों पर कड़ा शिकंजा कसेगा।
निजी शिक्षण संस्थानों में दबिश देने का दौर जारी है। मंगलवार को ही ऊना जिला, कांगड़ा के नूरपुर क्षेत्र, चंबा व सिरमौर के नाहन में दबिश दी गई थी। बुधवार को भी कुछ जगह रिकॉर्ड कब्जे में लेने की प्रक्रिया जारी रही। इन संस्थानों में वर्ष 2013 से 2017 तक की छात्रवृत्तियों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। हिमाचल सरकार ने छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शिक्षा विभाग की कमेटी से करवाई थी। जांच में पता चला कि छात्रवृत्ति की कुल रकम का करीब 80 फीसद बजट मात्र 11 फीसद निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को दिया गया था। इन विद्यार्थियों ने किया खुलासा कांगड़ा जिला के नूरपुर क्षेत्र के निवासी लेखराज ने इस मामले में शिकायत की थी।
उन्होंने शिक्षा विभाग की जांच कमेटी के समक्ष दिए बयान में कहा कि उनके इलाके के 250 विद्यार्थियों ने फतेहपुर बड़ूखर में कर्नाटक यूनिवर्सिटी और लवली यूनिवर्सिटी के केंद्रों में दाखिला लिया था। इनमें से सभी विद्यार्थी केंद्र छोड़कर चले गए थे। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उन्हें दाखिले से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई थी। हालांकि उनके दस्तावेज इन संस्थानों के केंद्रों में ही रखे गए। सरदार राजदीप सिंह और दर्पण सिंह के कहने पर फतेहपुर बड़ूखर में दोनों संस्थानों के केंद्रों में एससी, एसटी वर्ग के विद्यार्थियों ने दाखिला करवाया। बाद में उन्होंने दूसरी जगह दाखिला ले लिया। जब उन्होंने छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन किया तो उनका नाम छात्रवृत्ति के लिए एसएमएस एजुकेशन ग्रुप में पहले से पंजीकृत था।
विद्यार्थी सतीश पुत्र जगदीश गांव हारा, नुरपूर के नाम से फर्जी बैंक खाता खुला था। उसके नाम से छात्रवृत्ति बैंक खाते में प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा ईपास ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से आधार नंबर 469393425078 व ई पोर्टल आवेदन संख्या 201300174794 के तहत वर्ष 2013-14 में जमा की गई थी। विद्यार्थियों ने इस संबंध में कांगड़ा की रैहन चौकी में शिकायत की थी। अगर तब इसकी सही जांच होती तो बड़ा घोटाला पकड़ में आता। फतेहपुर के ही रजत कुमार के अनुसार उन्होंने 2014 में लवली यूनिवर्सिटी के केंद्र में दाखिला लिया था। उनसे वादा किया गया था कि छात्रवृत्ति मिलेगी। लेकिन न तो छात्रवृत्ति और न ही प्रणामपत्र मिला। इस कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी।