अंधेरे जीवन में किरण बनेगी सहारा
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए गंभीर बीमारियों में हर महीने दो हजार रुपये बैंक खाते में आएंगे। ऐसे मरीजों के लिए सरकार की सहारा योजना साथ खड़ी होगी। सात प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को वित्तीय संकट से गुजरना नहीं पड़ेगा।
राज्य ब्यूरो, शिमला : आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए गंभीर बीमारियों में हर महीने दो हजार रुपये बैंक खाते में आएंगे। ऐसे मरीजों के लिए सरकार की सहारा योजना साथ खड़ी होगी। सात प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को वित्तीय संकट से गुजरना नहीं पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बजट घोषणा को शुरू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। जिन लोगों की वार्षिक आय चार लाख से कम होगी, ऐसे सभी लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
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सात रोगों के मरीजों को सहारा मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार कैंसर, पार्किसंन, पैरालिसिस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफिलिया, थैलेसीमिया और किडनी से संबंधित रोगियों को सहारा योजना के तहत प्रति माह दो हजार रुपये मिलेंगे। प्रदेश में अभी इन सात रोगों के करीब छह हजार रोगी हैं। यह सातों रोग गंभीर बीमारी की श्रेणी में आते हैं। इन रोगियों निरंतर देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में सरकार दो हजार रुपये देकर साथ खड़ी हुई है।
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सीएमओ के आफिस में करना होगा आवेदन सहारा योजना के तहत वित्तीय सहायता लेने के लिए जिला के चीफ मेडिकल ऑॅफिसर, सीएमओ ऑफिस में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ मेडिकल रिकॉर्ड, स्थायी पते का प्रूफ, आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, बीपीएल और इनकम सर्टिफिकेट, बैंक डिटेल, लाइफ सर्टिफिकेट भी संलग्न करने होंगे। आशा वर्कर और मेल-फीमेल हेल्थ वर्कर भी मरीज को सहारा योजना का लाभ दिलाने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने में सहायता करेंगे। सरकार ने इस योजना के लिए 14 करोड़ 40 लाख रुपये का बजट रखा है। वित्त विभाग की आपत्ति के बाद बदला प्रारूप स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना को सभी मरीजों को देने का प्रस्ताव तैयार किया। इस पर वित्त विभाग ने सवाल उठाया था। वित्त विभाग का तर्क था कि इस तरह यदि सहारा योजना में सभी रोगों को शामिल कर लागू किया गया तो हर साल 48 करोड़ का खर्च उठाना पड़ेगा। उसके उपरांत वार्षिक चार लाख की आय की शर्त को जोड़ा गया।
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सभी टेस्ट मुफ्त होंगे एचआइवी एड्स से ग्रसित मरीजों के सरकार सारे टेस्ट फ्री करवाएगी। इस तरह की बीमारियों से ग्रसित मरीजों को कई तरह के इंफेक्शन होते हैं। प्रदेश में 4247 लोगों को एचआइवी एड्स से ग्रसित हैं। इनमें इसमें 1910 पुरुष और 2012 महिलाएं हैं। इसके अलावा 2 ट्रांसजेंडर और 323 बच्चे हैं। तीन जून को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।