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हिमाचल में टूटने लगा बारिश का रिकॉर्ड, अब तक 19 की मौत

हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलधार बारिश से अब तक विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई है।

By Munish DixitEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 05:24 PM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 07:23 PM (IST)
हिमाचल में टूटने लगा बारिश का रिकॉर्ड, अब तक 19 की मौत
हिमाचल में टूटने लगा बारिश का रिकॉर्ड, अब तक 19 की मौत

जेएनएन, शिमला : हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलधार बारिश से अब तक विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई है। लगातार हो रही बारिश से पिछले सालों में हुए नुकसान का आंकड़ा भी पार होने लगा है। प्रदेश की राजधानी शिमला में 117 साल बाद 24 घंटे में 172.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इससे पहले अगस्त 1901 में यहां एक दिन में 277 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। मौसम विभाग शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया सोमवार को पूरे राज्य में 73.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई है जो पिछले सात सालों में सर्वाधिक है। इसके पहले 2011 में एक दिन में 75 मिमी बारिश का रिकॉर्ड था। बारिश के कारण शिमला के रिज में भी दरारें आ गई हैं। हिमाचल में अगले चार दिन तक मूसलधार बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में सामान्य से 500 गुणा अधिक बारिश हुई है।

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पांच साल का बच्‍चा नाले में बहा
बारिश के कारण मंगलवार सुबह जिला कांगड़ा के नूरपुर में एक पांच साल के बच्चे की नाले में बहने से मौत हो गई। राज्य में मानसून के मौसम में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। जबकि इस वर्ष बादल फटने व बारिश होने की अन्य घटनाओं को देखा जाए ो करीब 25 लोगों की मौत हुई है।
हिमाचल में मानसून के दौरान सोलन जिले में सबसे अधिक आठ लोगों की मौत हुई, जबकि मंडी जिल में चार, कांगड़ा जिले में तीन, हमीरपुर जिले में दो और बिलासपुर एवं ऊना जिलों में एक-एक लोगों की मौत हुई है। इसमें सोमवार को हिमाचल प्रदेश में सीजन की सबसे जानलेवा बारिश हुई है। बारिश से एक ही दिन 12 लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश के कारण आधे प्रदेश के स्कूलों में छुट्टी करनी पड़ी हैं। हिमाचल सरकार ने मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी कई स्थानों में तेज बारिश की संभावना जताई है।



कहां कितनी हुई बारिश

प्रदेश में हमीरपुर जिले के सुजानपुर तिहरा में 24 घंटे में 307 मिमी सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जबकि सोलन जिले के अर्की में 300 मिमी और सिरमौर जिले के पावंटा साहिब में 239 मिमी बारिश दर्ज की गई। कांगड़ा जिले के बैजनाथ में 235 मिमी, पालमपुर में 212 मिमी बारिश दर्ज की गई है। धर्मशाला में 142 मिमी, कसौली में 117 मिमी, सोलन शहर में 129 मिमी और डलहौजी में 72 मिमी बारिश हुई है। शिमला में इस महीने 24 घंटों के भीतर 172 मिमी बारिश दर्ज की गई, जोकि 2011 से उच्चतम आंकडा है।

बारिश से 495 सड़कें अब भी बंद

हिमाचल में बारिश से लगातार हो रहे भूस्खलन व मलबा गिरने के कारण प्रदेश में सोमवार को कुल 923 मार्ग बंद थे। इनमें कुछ मार्गों को बहाल कर दिया गया है। अब भी प्रदेश में 495 मार्ग बंद हैं। इनमें अधिकतर मार्गों के बुधवार को खुलने की उम्मीद है। जबकि काफी अधिक क्षतिग्रस्त हुए 34 मार्गों को बहाल करने में समय लग सकता है। मार्ग बंद होने से 2000 रूटों पर यातायात व्यवस्था प्रभावित हुआ है।

मनाली-कुल्लू-शिमला जरा संभलकर

हिमाचल के पर्यटन स्थल मनाली, कुल्लू व शिमला को जाने वाले मार्ग भी बारिश से प्रभावित हुए हैं। इन स्थानों को जाने वाले मार्गों में चट्टाने, मलबा गिरने व भूस्खलन होने की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में इन स्थानों को जा रहे पर्यटक मौसम व प्रशासन की जानकारी को ध्यान में रखते हुए ही आगे बढ़े।

चार दिनों तक धीमा रहेगा मानसून
भारी बारिश के बाद अगले चार दिनों तक प्रदेश में मानसून की रफ्तार धीमी रहेगी। मंगलवार को भी प्रदेश में अधिकतर स्थानों में मौसम साफ रहा। मौसम विभाग की मानें तो 15 अगस्त से 18 अगस्त तक मानसून की रफ्तार धीमी रहने का अनुमान है।

बारिश के बाद बढ़ा तापमान
प्रदेश हुई भारी बारिश के बाद भी तापमान में कुछ खास गिरावट नहीं आई है। पिछले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में दो तीन डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार को सबसे अधिक तापमान ऊना का रिकार्ड किया गया है। ऊना में मंगलवार को 32.4 दर्ज किया गया है।

नहीं मिलती पहाड़ को मदद
हिमाचल की आर्थिक स्थिति खराब होने और बरसात में करोड़ों का नुकसान होने के बाद भी केंद्र से जो राशि राहत के तौर पर जारी हो रही है वह ऊंटके मुंह में जीरा है। हर वर्ष प्रदेश में 800 से 900 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। जबकि केंद्र सरकार दस फीसदी से भी कम राशि जारी कर खानापूर्ति कर रही है। यह राशि भी तत्काल न देकर कई कई कमेटियों को भेज आठ से नौ माह कई-कई रिमाइंडर भेजने के बाद मिल रही है। ऐसे में आखिर राहत के तौर पर दिया भी क्या जाए यह सबसे बड़ा सवाल है।


प्रदेश को एनडीआरएफ के तहत राशि के अलावा राज्य आपदा राहत के तौर पर राशि मिलती है। बीते वर्ष चुनाव होने के कारण केंद्र से टीमें देर से आई थी जिस कारण राशि देर से मिली। किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष चौबीस घंटे कार्य कर रहे हैं। जिला स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहे हैं।
-डीसी राणा, विशेष सचिव आपदा हिमाचल प्रदेश
 


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