अब नौ जिलों में चलेंगे महिला सशक्तीकरण केंद्र
सरकार की कल्याणकारी योजनाएं महिलाओं के लिए सहारा बन रही हैं। इससे इस वर्ग का सशक्तिकरण सुनिश्चित हो रहा है। इसी दिशा में प्रदेश के छह और जिलों में महिला शक्ति केंद्रों को चलाने की मंजूरी मिल गई है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : सरकार की कल्याणकारी योजनाएं महिलाओं के लिए सहारा बन रही हैं। इससे इस वर्ग का सशक्तीकरण सुनिश्चित हो रहा है। इसी दिशा में प्रदेश के छह और जिलों में महिला शक्ति केंद्र चलाने की मंजूरी मिल गई है। इनमें चंबा, शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर और मंडी शामिल हैं। पहले यह योजना ऊना, कांगड़ा और हमीरपुर में स्वीकृत किया गया। इनमें नारियों को सशक्त करने को लेकर छात्र स्वयंसेवकों की सहभागिता को बढ़ावा मिलता है। बेटी है अनमोल
वर्तमान सरकार ने 'बेटी है अनमोल' योजना के तहत बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली बालिका को जन्म बाद दी जाने वाली एकमुश्त अनुदान सहायता राशि को 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया है। गरीब महिलाओं को मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत बच्चों के पालन-पोषण के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को भी 4000 से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति बच्चा प्रति वर्ष किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को राज्य बजट से दिए जाने वाले अतिरिक्त मानदेय में 300 रुपये प्रति माह की वृद्धि की गई है। गुड़िया बोर्ड देगा सलाह
कन्या सशक्तीकरण के दृष्टिगत गठित सक्षम गुड़िया बोर्ड बालिकाओं और किशोरियों के लिए नीति, सुरक्षा से संबंधित नियमों, नीतियों और कार्यक्रमों पर सिफारिश देगा। इसके अलावा यह बोर्ड बालिकाओं के उत्थान और सशक्तीकरण के लिए विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की भी समीक्षा कर रहा है। साथ ही बालिकाओं व किशोरियों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए भी सुझाव देगा।
पंचायतों में बनेंगे महिला केंद्र
सशक्त महिला योजना के तहत हर पंचायत में सशक्त महिला केंद्र बनाए जाएंगे। इनका संचालन 19 से 45 वर्ष की आयु की महिलाएं करेंगी। यह केंद्र महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में अवगत करवाएंगे। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बैंक से जोड़ेंगे और कौशल विकास प्रशिक्षण देंगे। महिलाओं द्वारा तैयार किए उत्पाद की बिक्री बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग, मंदिर ट्रस्ट और उद्योग विभाग से जोड़ा जाएगा।