इस राज्य के 18 हजार पुलिस कर्मी 10 नवंबर को उपवास पर, बतायी ये बड़ी वजह
दिल्ली में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद हिमाचल पुलिस के जवान भी दिल्ली पुलिस के पक्ष में हैं और उनका साथ देने के लिए 10 नवंबर को उपवास पर रहेंगे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। दिल्ली में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के मामले में हिमाचल में भी हलचल है। प्रदेश के जवान दिल्ली पुलिस के पक्ष में उतर आए हैं। इस मामले में न्याय के लिए हिमाचल के पुलिस कर्मी 10 नवंबर को उपवास करेंगे। यह एलान पुलिस कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चौहान ने किया है। उन्होंने दावा किया कि उपवास सभी 18 हजार पुलिस कर्मी करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के कर्मियों से भविष्य में अन्याय न हो।
बेशक घटना दिल्ली में घटी है लेकिन जब पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं है तो वे लोगों की सुरक्षा कैसे करेंगे? संगठन के पदाधिकारी व सदस्य आठ नवंबर को दिल्ली जाएंगे। वे वहां पुलिस के आंदोलन में शामिल होंगे।वहीं, हिमाचल की आइपीएस एसोसिएशन ने दिल्ली की घटना की निंदा की है। एसोसिएशन के प्रदेश सचिव राहुल नाथ व सदस्य रोहित मालपानी ने कहा कि दिल्ली में वकीलों व पुलिस के बीच हिंसा चिंताजनक है।
पुलिस जवान रोजाना करते हैं 10 से 14 घंटे ड्यूटी
हिमाचल में पुलिस जवान रोजाना 10 से 14 घंटे ड्यूटी करते हैं। पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल पाता है। पुलिस कल्याण संघ साप्ताहिक अवकाश की कानूनी जंग लड़ रहा है। अभी मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसे लेकर संघ ने केस दायर किया है। संघ के मुताबिक करीब 90 फीसद फोर्स को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पाता है।
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खासकर थानों व चौकियों के हाल तो और बेहाल हैं। लोग पुलिस कर्मियों से चौबीस घंटे ड्यूटी की उम्मीद रखते हैं। अवकाश न मिलने की सूरत में इनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। संघ ने पुलिस कर्मियों की टोपी नीली से खाकी करने पर भी हाईकोर्ट में केस किया है। कई बटालियनों व जिलों में पुलिस खाकी तो कई जगह नीली टोपी पहन रही है। दो तरह की व्यवस्था लागू होने से अव्यवस्था पैदा हो गई है। इसे लेकर पुलिस कर्मचारियों से राजपत्रित अधिकारी नाराज हैं। वे नहीं चाहते हैं कि राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मी दोनों एक जैसी टोपी पहनें।
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