1217.19 करोड़ रुपये बहा ले गई बरसात
हिमाचल में इस साल बारिश आसमानी आफत बनकर बरसी है। करीब ढाई महीने मे बरसात से 1217 करोड का नुकसान हुआ है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में इस साल बारिश आसमानी आफत बनकर बरसी है। करीब ढाई महीने में बरसात से 1217.19 करोड़ रुपये बह गए। देश में इस बार बरसात से बेशक केरल में सर्वाधिक जानें गई हों लेकिन हिमाचल प्रदेश भी में मौत का आंकड़ा चौकाने वाला है। मौजूद मानसून जानलेवा साबित हुआ है।
राज्य में एक जुलाई से 17 सितंबर तक बादल फटने की 33 घटनाएं व भूस्खलन के 391 मामले सामने आए। इनसे संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। इस अवधि के दौरान 264 लोगों की जान गई। इनमें क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण सड़क दुर्घटनाओं से 199 लोगों की मौतें भी शामिल हैं। ये आंकड़े मंगलवार को भारी बारिश व बादल फटने से हुए नुकसान को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में पेश किए गए। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की। उन्होंने बताया कि नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने 229 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राज्य सरकार भरपाई के लिए केंद्र सरकार को भी ज्ञापन देगी। बैठक में एसीएस मनीषा नंदा, श्रीकांत बाल्दी, अनिल खाची, संजय कुंडू, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, आइपीएच सचिव देवेश कुमार, शिक्षा सचिव डॉ. अरुण कुमार शर्मा समेत कई अधिकारी उपस्थित थे। उचित डंपिंग स्थल चिह्नित होंगे
बरसात से लोक निर्माण विभाग को सड़को, पुलों, डंगों व दीवारों को हुई क्षति के कारण सर्वाधिक नुकसान हुआ। भारी बारिश के साथ मलबे की अनियोजित डंपिंग भी सड़कों की क्षति का कारण बनी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उचित डंपिंग स्थल चिह्नित किए जाएं। मलबे का निपटान चिह्नित स्थलों पर ही किया जाए। प्रभावी क्रॉस नालिया व सड़कों के किनारे निकासी की सुविधा सुनिश्चित बनाई जाए। बरसात से नुकसान
लोक निर्माण विभाग,735 करोड़ रुपये
आइपीएच विभाग,328.78 करोड़ रुपये
कृषि व बागवानी क्षेत्र,88.81 करोड़ रुपये
ऊर्जा क्षेत्र,24.50 करोड़ रुपये नूरपुर में एनडीआरएफ की कंपनी तैनात
कागड़ा जिले के नूरपुर में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ ) की एक कंपनी तैनात की गई है। प्रमुख नदियों के जलस्तर की दैनिक निगरानी भी सुनिश्चित बनाई जा रही है। शुरुआती चेतावनी के लिए पहली बार मंडी जिले के कोटरूपी व औट में भूस्खलन सेंसर स्थापित किए गए हैं।