108 व 102 एंबुलेंस कर्मियों का मामला लेबर अथॉरिटी को भेजा
प्रदेश हाई कोर्ट ने 108 एम्बुलेंस चालकों का मामला लेबर अथॉरिटी को भेज दिया है
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने 108 और 102 एंबुलेंस में कार्यरत चालकों और तकनीशियन के वेतन निर्धारण सहित अन्य मांगों का मामला सक्षम लेबर अथॉरिटी को भेज दिया है। मुख्य न्यायाधीश एल नारायणस्वामी और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ कि खंडपीठ ने जीवीके मिशन के डायरेक्टर को आदेश दिए कि वह इन कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने के आदेश जारी करें। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक सक्षम लेबर अथॉरिटी इन कर्मचारियों का न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत वेतन निर्धारण नहीं करती, तब तक उन्हें 20 जनवरी से बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा।
खंडपीठ ने एंबुलेंस चालकों और तकनीशियनों को आदेश दिए कि वह भविष्य में किसी भी तरह का धरना या हड़ताल नहीं करेंगे। कोर्ट ने सक्षम लेबर अथॉरिटी को आदेश दिए कि इन कर्मचारियों के मामले को छह माह के भीतर निपटाए। गौर रहे कि पिछले साल अगस्त में एंबुलेंस के चालकों व तकनीशियनों ने प्रदेश सरकार को चार दिन के भीतर मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ेगा। हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लेकर कर्मचारियो को हड़ताल पर न जाने के आदेश दिए थे।
इन कर्मचारियों की मांगें हैं कि राज्य के एंबुलेंस स्टाफ को हरियाणा के एंबुलेंस कर्मचारियों की तरह अधीनस्थ किया जाए। वहीं जिन 108 कर्मचारियों ने सरकारी खर्चे पर प्रशिक्षण लिया है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर लिया जाए। समान काम का समान वेतन मिले। उनकी नौकरी को स्थायी कर ठेकेदारी प्रथा से मुक्त किया जाए। कर्मचारियों के साथ किसी भी प्रकार की घटना होने पर परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी और मुआवजा मिले।