हिमाचल में डॉक्टरों का पलायन, तीन साल में 102 ने छोड़ी नौकरी
हिमाचल प्रदेश मेंपिछले तीन वर्षों में राज्य से 102 डॉक्टरों ने सरकारी नौकरी छोड़ी है। इन डॉक्टरों ने निजी कारणों और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए त्यागपत्र दिए।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश से डॉक्टरों का पलायन हो रहा है। वे नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। इससे यहां की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। पिछले तीन वर्षो में राज्य से 102 डॉक्टरों ने सरकारी नौकरी छोड़ी है। इन डॉक्टरों ने निजी कारणों और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए त्यागपत्र दिए। मंगलवार को भाजपा विधायक रमेश धवाला के सवाल के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने यह जानकारी दी।
धवाला ने पूछा था कि तीन वर्ष में इस साल 31 जुलाई तक राज्य सरकार ने कितने डॉक्टरों की भर्ती की और कितनों ने त्यागपत्र दिए। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि इस दौरान 1134 डॉक्टरों की नई भर्ती की गई। इसमें से 102 चिकित्साधिकारियों को अनुबंध आधार पर और 225 को नियमित आधार पर नियुक्त किया गया। प्रदेश में अभी डॉक्टरों का काडर 2200 के पार है। अभी भी डॉक्टरों के करीब 300 पद रिक्त हैं।
हालांकि सरकार का दावा है कि मौजूदा कार्यकाल में डॉक्टरों के काफी पद भरे गए हैं। सरकार लोगों के घर द्वार तक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दावे कर रही है। लेकिन अगर प्रतिभा पलायन न रुका तो फिर इससे लोगों के स्वस्थ्य से जुड़े हित प्रभावित होंगे। ब्लॉक अथवा इससे निचले स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों में उचित सुविधाएं नहीं हैं। यहां तक कि जिला अस्पतालों में चिकित्सा विशेषज्ञों की कमी है। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी बनी रहती है। इस कारण इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। यहां ओपीडी में ही रोजाना चार हजार से अधिक मरीज इलाज करवाने आते हैं।