18 साल पुरानी 508 पेयजल योजनाओं का होगा जीर्णोद्धार
प्रदेश की 18 साल पुरानी पेयजल योजनाओं का जीर्णोद्धार होगा।
हंसराज सैनी, मंडी
प्रदेश की 18 साल पुरानी 508 पेयजल योजनाओं का जल्द जीर्णोद्धार होगा। केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ¨सचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। पेयजल योजनाओं के जीर्णोद्धार के लिए एशियन विकास बैंक (एडीबी) 789 करोड़ रुपये की मदद देगा। आइपीएच विभाग व एडीबी के उच्च अधिकारियों के बीच जल्द बैठक होगी। पुरानी योजनाओं का कायाकल्प होने से लोगों को पेयजल संकट से निजात मिलेगी। शिमला, मंडी, धर्मशाला व हमीरपुर जोन के करीब साढ़े छह लाख लोग लाभान्वित होंगे। सबसे अधिक दयनीय हालत शिमला जोन की पेयजल योजनाओं की है। शिमला जोन में 179 पेयजल योजनाओं का जीर्णोद्धार होगा। मंडी जोन में 105, धर्मशाला में 54 व हमीरपुर जोन में 70 पेयजल योजनाएं चिह्नित की गई हैं। इनमें कई योजनाओं के पेयजल स्रोत सूख चुके हैं। कुछ सूखने की कगार पर हैं। कई पेयजल योजनाओं के पंप हाउस की मशीनरी पुरानी हो चुकी है। कई योजनाओं की मुख्य व सप्लाई की पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। जिन पेयजल योजनाओं के स्रोत सूख चुके हैं। उनके लिए स्रोत तलाशे जाएंगे। करीब 80 फीसद योजनाओं में पुरानी की जगह नई स्वचालित मशीनरी लगेगी। इससे आइपीएच विभाग पर कर्मचारियों का बोझ कम होगा। प्रदेश में स्वचालन तकनीक पर आधारित अब तक नाममात्र की पेयजल योजना हैं। अब तक बमसन मेवा उठाऊ पेयजल योजना, बल्ह वैली वाम तट मध्यम ¨सचाई योजना व मंडी शहर के लिए 84 करोड़ की लागत से बन रही ऊहल पेयजल योजना स्वचालन तकनीक पर आधारित हैं। यह योजनाओं पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत हैं। निजी कनेक्शन के लिए लोगों को खुद पाइपें व अन्य सामान उपलब्ध करवाना पड़ता है। चारों जोनों में जो लोग पेयजल कनेक्शन से वंचित हैं। उन्हें विभाग खुद कनेक्शन लगाकर देगा। अधिकांश योजनाएं ग्रामीणों क्षेत्रों की चिहिन्त की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आइपीएच विभाग सरकार की ओर से तय मानक के तहत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 70 लीटर पानी उपलब्ध करवाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व आइपीएच मंत्री महेंद्र ¨सह ठाकुर का केंद्र से इस योजना को मंजूरी दिलाने में अहम भूमिका रही है।
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सरकार ने 18 साल पुरानी 508 पेयजल योजनाओं के जीर्णोद्धार को मंजूरी प्रदान कर दी है। एडीबी 798 करोड़ की मदद देगा। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। -नवीन पूरी, मुख्य अभियंता, मंडी जोन एवं नोडल अधिकारी।