मेडिकल कॉलेज में नहीं हुई ऑक्सीजन प्लांट की कमीशनिग
जागरण संवाददाता मंडी लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक में ऑक्सीजन प्ल
जागरण संवाददाता, मंडी : लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक में ऑक्सीजन प्लांट की कमीशनिग न होना मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए कॉलेज प्रबंधन को निजी कंपनियों पर निर्भर रहना होगा। केंद्र सरकार ने 500 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए करीब एक करोड़ की राशि दी थी। टेंडर नोएडा की एक कंपनी को अवार्ड हुआ था। कंपनी ने प्लांट तो स्थापित कर दिया, लेकिन उसकी कमीशनिग नहीं की। कॉलेज प्रबंधन के कई बार पत्राचार करने के बाद भी प्लांट की कमीशनिग नहीं हो पाई है।
दोबारा समर्पित कोविड अस्पताल बनने से नेरचौक मेडिकल कॉलेज में रोजाना 150 डी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता पड़ेगी। सामान्य तौर पर रोजाना 50 सिलेंडर की खपत हो रही थी। कॉलेज प्रबंधन ने सरकार से 500 डी व 200 बी टाइप सिलेंडर की मांग की है। इसके अलावा 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन व 46 ह्यूमिडिफायर की डिमांड भेजी है। ह्यूमिडिफायर वेंटीलेटर में लगते हैं। कॉलेज प्रबंधन को सरकार की तरफ से 5000 पीपीई किट की खेप मिल चुकी है। कॉलेज प्रबंधन के पास 48 वेंटीलेटर व दो ह्यूमिडिफायर उपलब्ध हैं।
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तीन अस्पतालों को दिए 180 ऑक्सीजन सिलेंडर
समर्पित कोविड अस्पताल बीबीएमबी कॉलोनी, एमसीएच सुंदरनगर व नागरिक अस्पताल रत्ती में ऑक्सीजन की कोई कमी न हो। जिला प्रशासन ने इसके लिए आपदा प्रबंधन फंड से 180 सिलेंडर खरीद कर दिए हैं। बीबीएमबी अस्पताल को 30, नागरिक अस्पताल रत्ती को 50 व एमसीएच सुंदरनगर को 100 सिलेंडर दिए हैं।
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भंगरोटू प्री फैब्रिकेटेड अस्पताल में लगेगा 300 एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट
नेरचौक मेडिकल कॉलेज के साथ करीब सात करोड़ की लागत से बन रहे प्री फैब्रिकेटेड अस्पताल का काम पूरा होने में अभी एक माह का समय लगेगा। यहां 300 एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगाने की डिमांड कॉलेज प्रबंधन ने सरकार को भेजी है। मंडी के मातृ शिशु अस्पताल (एमसीएच) का काम एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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कोविड की दूसरी लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं।
-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी।