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मंडी के जंगल में माफ‍िया ने दुर्लभ व बेशकीमती पेड़ों पर चलाई आरी, बैग में भरकर की जा रही थी तस्‍करी

Tree Trimming by Mafia जिला मंडी के सराज के जंगलों में बहुमूल्य लकड़ी की तस्करी का सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 11:51 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 01:02 PM (IST)
मंडी के जंगल में माफ‍िया ने दुर्लभ व बेशकीमती पेड़ों पर चलाई आरी, बैग में भरकर की जा रही थी तस्‍करी
मंडी के जंगल में माफ‍िया ने दुर्लभ व बेशकीमती पेड़ों पर चलाई आरी, बैग में भरकर की जा रही थी तस्‍करी

गोहर, मृगेंद्र पाल। जिला मंडी के सराज के जंगलों में बहुमूल्य लकड़ी की तस्करी का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। चिऊणी-लंबाथाच के बखारी जंगल में खनोर और मैपल के दुर्लभ प्रजाति के पेड़ों की लकड़ी की तस्करी की जा रही थी। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम की भनक लगते ही तस्कर मौके से फरार हो गए। वन विभाग की टीम को मौके से कटर, आरी, तेल और स्लीपिंग बैग बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है तस्‍कर कई दिनों से जंगल की रेकी कर रहे थे।

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बताया जा रहा है इस लकड़ी का उपयोग गन व पिस्‍टल के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा लकड़ी के कीमती तोहफे आदि बनाने के लिए भी इसकी मांग रहती है। जिला मंडी की सेरी कतांडा बीट में वन रक्षक होशियार सिंह की मौत मामले में भी माफ‍िया का हाथ होने की बात उजागर होती रही थी। वन रक्षक का पेड़ पर रस्‍सी से लटका शव बरामद हुआ था।

वन विभाग ने बरामद सामान को जब्त कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। भौगोलिक दृष्टि से सराज के जंगल बेशकीमती पेड़ों के लिए विख्यात हैं। खनोर और मैपल के पुराने पेड़ तस्‍करों के निशाने पर हैं। प्रथम दृष्टया मामले में लकड़ी की तस्करी के तार बाहरी राज्यों सम, उड़ीसा से जुड़ने की आशंका जताई जा रही है। जहां इस लकड़ी का मंहगी सामग्रियों के इस्तेमाल में उपयोग होने का अनुमान जताया जा रहा है।

ग्रामीणों ने दिखाई जागरूकता

ग्रामीणों ने आरी की आवाज सुनते ही बीट गार्ड बलबंत सिंह को सूचना दी कि जंगल मे अवैध कटान हो रहा है। बीट गार्ड ने सूचना मिलते ही ग्रामीणों के साथ रात को दबिश दी, जहां तस्‍कर घटना स्थल से फरार हो गए थे।

ऐसे होती हैं तस्करी

बेशकीमती लकड़ियां खनोर, मैपल के पेड़ों को तस्करों द्वारा बड़ी सफाई से काटा जाता है। पेड़ों को बीचोंबीच आरी से काटने के बाद उसके मोटे भाग की छाल को निकाल देते है। उसके बाद अंदर मौजूद भाग को निकाल लेते हैं। उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके बैग व सूटकेश में भर कर रातों रात खेप सीमा से पार पहुंचाने के जुगाड़ में लग जाते हैं। मामले में इन तस्करों को लोकल वन काटुओं की शय मिलने का भी अनुमान जताया गया।

वन विभाग की टीम छान रही जंगल

डीएफओ नाचन तीर्थराज धीमान ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि बखारी के जंगल में कुछ अज्ञात लोगों ने खनोर तथा मैपल के पेडों को क्षति पहुंचाई है। वन विभाग ने मौके से तीन बड़े बैग, तीन पैट्रोल की बोतलें, कुल्हाड़ी तथा पैट्रोली आरी समेत 12 लकड़ी के पीस बरामद कर अपने कब्जे में ले लिए हैं। वन विभाग की टीम जंगल को छान रही है कि कहीं अन्य पेड़ों को भी नुकसान तो नहीं पहुंचाया गया है। रिपोर्ट के बाद पुलिस में मामला दर्ज किया जाएगा। विभाग मामले की छानबीन में जुट गया है।


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