प्रदेश में थर्मोकॉल की प्लेट्स व गिलास पर प्रतिबंध
संवाद सहयोगी, सुंदरनगर प्रदेश में थर्मोकॉल की प्लेट्स व गिलास के इस्तेमाल पर सरकार ने पाबंदी
संवाद सहयोगी, सुंदरनगर (मंडी)
प्रदेश में थर्मोकॉल की प्लेट्स व गिलास के इस्तेमाल पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है। अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में एक लीटर से कम क्षमता वाली पानी की प्लास्टिक बोतल पर भी रोक लगा दी गई है। प्रदेश को प्रदूषणमुक्त बनाने की दिशा में विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ये दोनों ऐतिहासिक निर्णयों का एलान मंगलवार को सुंदरनगर में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सबसे ज्यादा प्रदूषित आठ शहरों की हवा शुद्ध करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पॉल्यूशन आबे¨टग प्लांटेशन अभियान (पापा) का राजकीय बहुतकनीकी संस्थान सुंदरनगर परिसर में बिल्व पत्र का पौधा रोपकर शुभारंभ किया। बद्दी, नालागढ़, परवाणू, कालाअंब, पांवटा साहिब, सुंदरनगर, डमटाल व ऊना में पांच जून से पहली जुलाई तक पापा योजना तहत पौधरोपण होगा।
सरकारी कार्यक्रमों में मंच पर रखी जाने वाली प्लास्टिक की बोतल की जगह अब स्टील की बोतल का इस्तेमाल होगा। बकौल जयराम ठाकुर, कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए राज्य के विभिन्न भागों में 10 ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित होंगे। प्रदेश की नर्सरियों में प्रदूषण को कम करने वाले पौधे उगाए जाएंगे, ताकि इन्हें लोगों को पौधरोपण के लिए वितरित किया जा सके। उन्होंने उद्योग विभाग को चीड़ की पत्तियों के उचित उपयोग के लिए इकाई स्थापित करने की परियोजना तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सुंदरनगर व घुमारवीं नगर परिषद को पॉलीथीन शैडर मशीन की सौगात दी।
----------
सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलेगी स्टील बोतल
मुख्यमंत्री वर्दी योजना के तहत प्लास्टिक की बोतल के उपयोग को बंद करने के लिए चरणबद्ध ढंग से सरकारी स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थी को पानी पीने के लिए स्टील की बोतल दी जाएगी। उन्होंने अभिभावकों से प्लास्टिक बोतल के स्थान पर बच्चों के लिए स्टील की बोतल खरीदने का आग्रह किया। इस मौके पर विद्यार्थियों को स्टील की 750 बोतल वितरित की गईं।
-----------------------
शिमला जलसंकट पूर्व सरकार की देन
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में पानी की समस्या प्रदूषण तथा कैचमेंट क्षेत्र व शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाली नदियों और जलस्रोतों में पानी की कमी के कारण उत्पन्न हुई है। प्रदेश में पहले लंबे समय तक रही कांग्रेस पार्टी की सरकार की बदौलत शिमला में पानी संकट पैदा हुआ है। आगामी समय में जलसंकट पैदा न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। शिमला में प्रतिदिन दिए जाने वाले पानी का 25 फीसद व्यर्थ बह कर बर्बाद हो रहा है।
वहीं बाद में सराज हलके के शाटाधार में ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने एक करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की।
---------------------
प्लास्टिक बोतलबंद पानी के नुकसान
------------------
-कब्ज व पेट में गैस की समस्या घेर लेती है।
- बोतल जब गर्म हो जाती है तो इसे बनाने में इस्तेमाल केमिकल पानी में घुल जाता है। यह केमिकल पानी शरीर के सेल्स पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
-अधिकतर महिलाओं को गर्भ ठहरने में परेशानी आती है। पुरुषों का स्पर्म काउंट भी यह पानी कम करता है।
-यह हमारे शरीर के अन्य हिस्सों की तरह हमारे दिमाग को भी प्रभावित करता है। इससे समझने व किसी बात को याद रखने में व्यक्ति को परेशानी रहती है। ------------------
थर्मोकोल के नुकसान
-सबसे बड़ा नुकसान पर्यावरण को हो रहा था।
-थर्मोकोल की प्लेट्स व कप को इस्तेमाल के बाद जलाने से जहरीला धुंआ निकलता है।
-इधर-उधर फेंकने से निकासी नालियों व सीवरेज में अवरोध पैदा करता है। रोक के फायदे
-अब टोर के दोने व पत्तल बिकने से गरीबों को मिलेगा रोजगार।
-टोर के इस्तेमाल के बाद चार-पांच दिन बाद खाद के रूप में हो जाता है प्रयोग।
-पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से उपयोगी।