मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ भूस्खलन, मलबे के साथ हाईवे पर आई चट्टाने
मंडी जिला में आसमान से लगातार आफत बरस रही है। पहाड़ों में हो रहे भूस्खलन से लोग दहशत में हैं। मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ।
मंडी, जेएनएन। मंडी जिला में आसमान से लगातार आफत बरस रही है। पहाड़ों में हो रहे भूस्खलन से लोग दहशत में हैं। शुक्रवार देर रात मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाला के समीप फिर भूस्खलन हुआ। मलबे के साथ यहां भारी-भरकम चट्टाने हाईवे पर आ गई। इससे यहां वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से थम गई है।
कुल्लू, मनाली व लाहुल-स्पीति का संपर्क कट गया है। सैकड़ों वाहन मार्ग के दोनों तरफ फंसे हुए हैं। मार्ग के बंद होने से क्षेत्र के बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्षेत्र में इन दिनों सेब, सब्जी का सीजन पूरे यौवन पर है। बागवानों व किसानों को अपने उत्पादन मंडियों तक पहुंचाने में पसीने छूट रहे हैं।
कई चट्टाने ब्यास नदी तक पहुंच गई हैं। इससे नदी का प्रवाह प्रभावित हुआ है। यातायात बहाल करने के लिए चट्टानों को मशीन की मदद से तोडऩे की कोशिश की जा रही है। बनाला में भूस्खलन का सिलसिला कई दिनों से चल रहा है।
प्रशासन अब तक इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पाया है। सैकड़ों लोगों को रात भूखे-प्यासे वाहनों में ही गुजारनी पड़ी। बरसात से इस बार दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों मनाली-चंडीगढ़ व पठानकोट-मंडी की हालत दयनीय हो गई है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटरोपी पिछले 26 दिनों से लोगों को सता रहा है। लोगों को गंतव्य तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। इसका असर अब कारोबार पर भी दिखने लगा है।
बाहरी राज्यों से सामान की खेप समय पर नहीं पहुंच रही है। वहीं, द्रंग हलके के बागी नाले में आए उफान से यहां निर्माणाधीन पुल, कई मकानों व घराटों को भारी क्षति पहुंची है। सड़क का एक बड़ा हिस्सा बहने से धार्मिक व पर्यटन स्थल पराशर का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। मार्ग बहाल होने में यहां दो दिन से अधिक का समय लग सकता है।
मंडी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर बताया कि बनाला में मलबा व चट्टाने सड़क पर आने से मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार देर रात से यातायात बंद हैं। चट्टाने हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। दोपहर तक मार्ग बहाल होने की उम्मीद है।