प्रवक्ताओं की वेतन वृद्धि रोकना सही नहीं : संघ
हिमाचल प्रदेश प्राध्यापक संघ जिला मंडी ने वेतन वृद्धि रोकने के फैसले का विरोध किया है।
सहयोगी, धर्मपुर : हिमाचल प्रदेश प्राध्यापक संघ जिला मंडी ने वेतन वृद्धि रोकने के फैसले का विरोध किया है। मंडी के प्रधान रंगीला ठाकुर, वित्त सचिव मनोज शर्मा, प्रदेश संगठन सचिव राजेश सैनी, प्रेस सचिव कर्म ठाकुर, लेखराज ने सरकार व विभाग के उस निर्णय पर हैरानी जताई जिसमें शिक्षकों के पिछले पांच वर्षों के परिणाम को देखे बिना ही मान लिया कि उनका पिछले पांच8 साल का परिणाम 25 प्रतिशत से कम है। शिक्षकों को अपना पक्ष रखने का कोई अवसर दिए बिना ही उनकी वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई । जब विभाग व सरकार की नीतियों के अनुसार प्रथम कक्षा से आठवीं कक्षा तक किसी को भी फेल नहीं किया जाना है तो उन विद्यार्थियों से अच्छे परिणाम की उम्मीद कैसे की जा सकती है। वाíषक वृद्धि पर रोक के आदेश से पहले शिक्षकों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था लेकिन उन्हें अपनी बात रखने का समय न देकर सीधा वेतन वृद्धि को रोकना अध्यापकों के साथ अन्याय है। 25 प्रतिशत से कम परिणाम पर संबधित शिक्षकों को अपनी बात रखने का अवसर देना और उन्हें चेतावनी देना शामिल होता है। यदि सरकार व विभाग सही में शिक्षा में सुधार चाहता है तो कक्षा प्रथम से आठवीं तक फेल न करने की नीति को बंद करना होगा। पांचवीं और आठवीं परीक्षाओं में भी शिक्षा बोर्ड पेपरों की व्यवस्था और कैमरे की निगरानी में परीक्षा देने की सुविधा करनी होगी तभी सुधार हो सकता है। परीक्षा परिणाम में कमी के लिए शिक्षकों को कम से कम तीन साल का समय देना चाहिए। हिमाचल प्रदेश प्राध्यापक संघ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से आग्रह करता है कि वे जल्द ही वाíषक वेतन वृद्धि को बहाल करें।