खेल प्रतिभाएं तराश राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाई
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या सुंदरनगर के डीपीई रमेश चंद वालिया आज तक दर्जनों खिलाड़ियों को प्रदेश और राष्ट्र स्तर पर पहुंच चुके है। यही नहीं रमेश ने खेल प्रतिभाओं को तरसने के साथ-साथ अपने आप भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत कर देश और हिमाचल का नाम चमकाने में कोई कमर नहीं छोड़ी है। रमेश वालीबॉल, बैंड¨मटन, बॉक्सिंग, हैंडबॉल, क्रिकेट, कबड्डी तथा हॉकी खेल 1
रजनीश हिमालयन, सुंदरनगर
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या सुंदरनगर के डीपीई रमेश चंद वालिया आज तक कई खिलाड़ियों को प्रदेश व राष्ट्र स्तर पर पहुंचा चुके हैं। रमेश वालीबॉल, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, हैंडबॉल, क्रिकेट, कबड्डी व हॉकी में 18 से अधिक खिलाड़ी छात्राओं की राष्ट्रस्तर तक पहुंचा चुके हैं। ¨सगापुर में मास्टर ओपन ट्रैक एंड फील्ड चैंपियनशिप की जेवलिन थ्रो स्पर्धा में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता है। अब रमेश चंद को पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। रमेश चंद को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सम्मानित करेंगे।
रमेश का जन्म 1963 में बल्ह के गांव स्याहं में पिता स्व. रामकृष्ण वालिया व माता स्व. लजया देवी के घर में हुआ। पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे रमेश ने प्रारंभिक शिक्षक राजकीय प्राथमिक स्कूल टावां में की। भंगरोटू स्कूल में आठवीं तक पढ़े। जाच्छ में दसवीं की पढ़ाई की। मंडी कॉलेज में बीए तथा राजनीतिक शास्त्र व समाज शास्त्र में एमए की। बीपीएंड की डिग्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल अमरावती से 1991 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। रमेश चंद की पत्नी प्रेमलता वालिया भी राष्ट्रीय मास्टर एथलीट में कांस्य पदक विजेता हैं। बेटी कंचन, शालू, दीपिका व बेटा मनमोहन बीटैक कर रहे हैं। रमेश चंद ने सफलता का श्रेय अध्यापकों व माता-पिता को दिया है।
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नेशनल क्रीड़ा रतन अवार्ड से भी सम्मानित
डीपीई रमेश चंद वालिया को समता साहित्य अकादमी गोवा में 2017 में नेशनल क्रीड़ा रतन अवार्ड और विदर्भ कला साहित्य परिषद पुणे में हिमाचल रतन अवार्ड से नवाजा जा चुका है। ¨सगापुर में हुई मास्टर ओपन ट्रैक एंड फील्ड चैंपियनशिप में ऊंची कूद स्पधर में चौथा स्थान प्राप्त किया था। 2012 से 2017 तक राष्ट्रीय मास्टर एथलेटिक्स में छह बार भाग लिया। दो बार स्व. यूवरानी महेंद्रा कुमारी पूर्व सांसद अलवर की याद में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेकर तीन गोल्ड मेडल, दो सिलवर और एक कास्य पदक जीता।