विदेश में नौकरी छोड़ अपनाई खेती, छह को दिया रोजगार
कुलभूषण चब्बा सुंदरनगर अफगानिस्तान और दुबई में नौकरी छोड़ खेतों की राह पकड़ ली। ख
कुलभूषण चब्बा, सुंदरनगर
अफगानिस्तान और दुबई में नौकरी छोड़ खेतों की राह पकड़ ली। खेतीबाड़ी की बारीकियां सीखने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों का सहारा लिया। लॉकडाउन में जब गांव के कुछ लोग बेरोजगार हुए तो छह लोगों रोजगार भी मुहैया करवाया। सुंदरनगर उपमंडल के पलौहटा गांव के संजय कुमार खेती के बूते प्रदेश के किसानों के बीच मिसाल बनकर उभरे हैं। संजय कुमार ने एमकॉम तक पढ़ाई की है। 2010 से 2014 तक विदेश में रहे संजय कुमार गांव लौटे तो खेतीबाड़ी करने की सोची। कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के विज्ञानियों से चर्चा के बाद विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त कर 12 बीघा जमीन में खेतीबाड़ी को मजबूती प्रदान कर इसे कमाई के बेहतर साधन में बदल दिया।
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चार पॉलीहाउस में उगा रहे बेमौसमी सब्जी
संजय कुमार 560 वर्गमीटर के चार पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जी उगा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने 2016 में चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय से संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। वह शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, धनिया और बीन की खेती करते हैं। इससे सालाना पांच लाख की आमदनी अर्जित कर रहे हैं।
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प्राकृतिक खेती का भी प्राप्त किया प्रशिक्षण
संजय कुमार ने 2019 में भारतीय कृषि कौशल परिषद के तहत शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर भी कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में प्रशिक्षण हासिल किया। अब वह शून्य लागत प्राकृतिक खेती में मास्टर ट्रेनर का काम भी कर रहे हैं। खेतीबाड़ी में उनके अनुभवों का लाभ प्रदान करने के लिए कृषि-बागवानी व अन्य निजी संस्थाओं के प्रशिक्षुओं को उनके फार्म पर भ्रमण करवाया जाता है।
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देशी नस्ल की गाय और बकरियों से अतिरिक्त आमदनी
संजय कुमार ने देशी नस्ल की गायों के साथ ही बकरियों से भी अतिरिक्त आमदनी अर्जित की है। वह साहिवाल नस्ल की गायों का दूध बेचते हैं। 20 बकरियां भी रखी हैं।
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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। लगातार प्रयास किया जा रहा है कि बेरोजगार युवा प्रशिक्षण हासिल कर खेतीबाड़ी से स्वाबलंबी बनें। संजय कुमार बेहतर कार्य कर रहे हैं। समय-समय पर उनका मार्गदर्शन किया जाता है।
-डा. पंकज सूद, प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर।