Move to Jagran APP

भय के साये में संवर रहा भविष्य

को घरद्वार बेहतर शिक्षा सुविधा के दावे करती है लेकिन जिले के कई स्कूल भवन ऐसे हैं जो बिल्कुल गिरताऊ हालत में हैं। ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहर के स्कूलों का भी यह हाल है। विद्यार्थी भय के साए में पढ़ाई करने को विवश हैं। हैरानी इस बात की है कि विभाग लापरवाह बना हुआ है। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। वहीं सरकार के दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है। जिला मंडी में कुल 1719 प्रारंभिक व मिडल स्कूल हैं। इसमें सैकड़ों स्कू

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 May 2019 04:37 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 06:36 AM (IST)
भय के साये में संवर रहा भविष्य
भय के साये में संवर रहा भविष्य

काकू चौहान, मंडी

loksabha election banner

सरकार बच्चों को घर-द्वार बेहतर शिक्षा सुविधा प्रदान करने के दावे करती है, लेकिन जिला के कई स्कूल भवन जर्जर हैं। ग्रामीण ही नहीं शहरों में भी स्कूल भवनों की हालत खस्ता है। विद्यार्थी भय के साये में पढ़ाई करने को विवश हैं। स्कूल भवनों की हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 87 प्राइमरी स्कूल भवन असुरक्षित घोषित किए गए हैं, जबकि 37 जर्जर भवनों को प्रशासन ने गिराने के आदेश दे दिए हैं, जबकि 50 भवनों को गिराने की औपचारिकताएं अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं।

जिला मंडी में कुल 1719 प्रारंभिक व मिडल स्कूल हैं। इनमें सैकड़ों स्कूल भवनों की हालत खस्ता है। यह भी एक वजह है कि लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाने से गुरेज करते हैं। अभिभावक अपने बच्चों को लेकर चितित हैं। अनहोनी के डर से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। सुंदरनगर के हाराबाग स्कूल में भवन की जर्जर हालत को देखते हुए अभिभावकों ने तीन दिन से बच्चों को स्कूल नहीं भेजा है। जिले के अन्य क्षेत्रों में भी बच्चों की जान जोखिम में डालकर असुरक्षित स्कूल भवनों में पढ़ाई करवाई जा रही है।

-------------

विद्यालयों की सुरक्षा में सेंध

जिले के कई स्कूलों में चारदीवारी भी नहीं है। इससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा बना रहता है। चारदीवारी न होने के कारण जहां बेसहारा पशु स्कूल में घुस जाते हैं। वहीं खेलते समय बच्चों के गिरने का भी भय रहता है।

----------

आग से निपटने के नहीं कोई इंतजाम

स्कूलों में आग से निपटने के भी प्रबंध नहीं हैं। अधिकतर स्कूलों में न तो अग्निशमन यंत्र लगे हैं और न ही आग बुझाने के कोई और इंतजाम हैं। जिन स्कूलों में अग्निशमन यंत्र लगे हैं वह भी बेकार ही पड़े हैं। उन्हें काफी समय से यंत्रों को रिफिल नहीं किया गया है। स्कूलों में मिड डे मील योजना शुरू होने के बाद कई बार सिलेंडर बदलने के दौरान आग लग जाती है। इससे कभी भी हादसा हो सकता है।

-----------

जिले में 87 स्कूल भवनों को असुरक्षित घोषित कर दिया है। असुरक्षित भवन में बच्चों को न बैठाने के स्कूलों को आदेश दिए गए हैं।

-पीसी राणा, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.