पहाड़ों में सौर ऊर्जा से तर होंगे खेत
राज्य ब्यूरो, शिमला : जयराम सरकार की एक और स्कीम जल्द धरातल पर उतरेगी। इससे हिमाचल में खेतो
राज्य ब्यूरो, शिमला : जयराम सरकार की एक और स्कीम जल्द धरातल पर उतरेगी। इससे हिमाचल में खेतों की सिंचाई सौर ऊर्जा के माध्यम से हो सकेगी। किसानों को बिजली के बिलों के झंझट से मुक्ति मिलेगी। सौर सिंचाई योजना के तहत चार साल में 240 करोड़ खर्च होंगे। नदी-नालों से पानी को बिजली मोटर की बजाय सूरज की रोशनी से लिफ्ट कर खेतों तक पहुंचाया जाएगा। सौर ऊर्जा से पानी की पंपिंग की जाएगी। प्रदेश सरकार किसानों को सबसिडी देगी। व्यक्तिगत तौर पर लघु व सीमांत किसान को स्कीम पर 90 फीसद तक की सबसिडी मिल सकेगी। खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिलने से किसानों की आर्थिकी बेहतर होगी।
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लहलहाएगी फसल
इससे बेमौसमी सब्जी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। जहां अभी सिंचाई के साधन नहीं, वहां भी हर खेत को पानी मिलेगा। सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी फसल लहलहाएगी।
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कुछ जगहों पर हुए हैं प्रयोग
सौर ऊर्जा से प्रदेश में कुछ जगहों पर किसानों ने प्रयोग आरंभ किए हैं। इनके बेहतर नतीजे सामने आ रहे हैं। शिमला के जुब्बड़हट्टी के पास किसानों ने कृषि विभाग के माध्यम से सौर सिंचाई योजना कामयाब की है। यह दूसरों के लिए नजीर साबित होगी।
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पांच जिलों में लगे सोलर पंप
पांज जिलों मंडी, ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर में जाइका प्रोजेक्ट के जरिये सोलर हैंडपंप भी लगे हैं। यह स्कीम जापान के सहयोग से चलाई जा रही है।
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राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सोलर सिंचाई स्कीम जल्द आरंभ होगी। इसे नाबार्ड के पास भेजा गया है। वहीं से इसके टेंडर होंगे। इसका मकसद किसानों की आय को दोगुना करना है। इसमें सबसिडी की व्यवस्था है।
-डॉ. रामलाल मार्कंडेय, कृषि मंत्री।