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बारिश-बर्फबारी नकदी फसलों को मिली संजीवनी

जिला में हुई बारिश व पारंपरिक व नकदी फसलों के लिए संजीवनी का काम करेगी। बर्फबारी व बारिश के कारण जमीन में नमी आ गई है। इससे जहां सेब की फसल के लिए चि¨लग आवर पूरे हो जाएंगे, वहीं बंपर पैदावार होने की भी उम्मीद जगी है। इसके अलावा निचले क्षेत्रों में हुई बारिश से गेहूं की फसल काफी फायदेमंद है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 08:16 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 08:16 PM (IST)
बारिश-बर्फबारी नकदी फसलों को मिली संजीवनी
बारिश-बर्फबारी नकदी फसलों को मिली संजीवनी

संवाद सहयोगी, मंडी : जिला में हुई बारिश व बर्फबारी पारंपरिक व नकदी फसलों के लिए संजीवनी का काम करेगी। बर्फबारी व बारिश के कारण जमीन में नमी आ गई है। इससे जहां सेब की फसल के लिए चि¨लग आवर पूरे हो जाएंगे, वहीं बंपर पैदावार होने की भी उम्मीद जगी है। इसके अलावा निचले क्षेत्रों में हुई बारिश से गेहूं की फसल काफी फायदेमंद है। गेहूं को पीला रतुआ नहीं लगेगा और फसल भी अच्छी होगी। जिले के अधिकतर किसान व बागवान मौसम पर ही निर्भर है। ऐसे में बारिश व बर्फबारी होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। किसानों ने अपने बगीचों व खेतों का रुख कर लिया है।

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बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. अमर प्रकाश कपूर ने बताया कि दिसंबर व जनवरी में बर्फबारी सेब की फसल के लिए काफी लाभदायक होती है। इन दिनों सेब के बगीचों में पौधे लगाने का काम चला हुआ है। बारिश व बर्फबारी होने से जमीन में नमी आ गई है। इससे बागवान आसानी से पौधरोपण कर सकते हैं। इसके साथ ही बर्फबारी होने से सेब के लिए चि¨लग आवर पूरे होने से पैदावार बेहतर होती है।

उधर, कृषि विभाग के उपनिदेशक रूप लाल चौहान ने बताया कि यह बारिश गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त है। बारिश न होने से कई क्षेत्रों में गेहूं की फसल को पीला रतुआ रोग लग गया था। अब बारिश होने से इससे राहत मिलेगी।


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