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बर्फबारी में रास्ता भटके आइआइटी मंडी के छह विद्यार्थी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के छह विद्यार्थी बर्फबारी में रास्ता भटक गए। प्रबंधन ने विद्यार्थियों की खोज में सुरक्षा अधिकारी हरदीप सिंह के नेतृत्व में एक खोज एवं बचाव दल भेजा।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 11:06 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 11:06 AM (IST)
बर्फबारी में रास्ता भटके आइआइटी मंडी के छह विद्यार्थी
बर्फबारी में रास्ता भटके आइआइटी मंडी के छह विद्यार्थी

मंडी, जेएनएन। धार्मिक व पर्यटन स्थल पराशर घूमने गए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के छह विद्यार्थी रविवार रात लौटते समय बर्फबारी में रास्ता भटक गए। रात करीब साढ़े दस बजे एक विद्यार्थी ने अपने किसी सहपाठी को मोबाइल फोन पर संपर्क कर रास्ता भटकने की जानकारी दी और मदद मांगी। इसके बाद मोबाइल संपर्क टूट गया। छात्र काफी देर तक रास्ता भटके अपने सहपाठियों से संपर्क करने की कोशिश करता रहा लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

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इसके बाद उसने इसकी सूचना आइआइटी के रजिस्ट्रार डॉ. विशाल चौहान को दी। उन्होंने प्रशासन को अवगत करवाया। प्रबंधन ने विद्यार्थियों की खोज में सुरक्षा अधिकारी हरदीप सिंह के नेतृत्व में एक खोज एवं बचाव दल भेजा। इसमें कई माहिर पर्वतारोही व ट्रैकर शामिल किए गए। इसमें प्रवीण सेम्युअल, उप प्रबंधक (विद्यार्थी) डॉ. गौरव भूटानी, सहायक प्रोफेसर एवं फेकल्टी एडवाइजर (हार्इंकग) और ट्र्रैंकग क्लब साथ गए। सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया।

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर व पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा ने चर्चा करने के बाद एसडीएम सदर डॉ. मदन कुमार की अगुआई में दो टीमें पराशर के लिए रवाना की। इसमें एक टीम पुलिस व दूसरी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की थी। एक एंबुलेंस भी साथ भेजी गई। रात करीब दो बजे बचाव दल ने विद्यार्थियों को कांढलू से करीब तीन किलोमीटर दूर जंगल में ढूंढ निकाला।

विद्यार्थियों के पास नहीं थे गर्म कपड़े और टॉर्च 

विद्यार्थियों के पास न तो गर्म कपड़े थे और न  ही कोई टॉर्च थी। मोबाइल फोन की बैटरियां भी जवाब दे गई थीं। सभी छह विद्यार्थियों के सुरक्षित मिलने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली। इनमें पांच छात्र व एक छात्रा थी। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को पुलिस वाहन से कमांद कैंपस छोड़ा गया। यह लोग कार में कांढलू तक गए थे। कांढलू से आगे रास्ता बंद होने पर पैदल पराशर पहुंचे थे। अंधेरा होने के कारण वापसी पर बर्फबारी में रास्ता भटक गए।

प्रतिबंध के बावजूद पराशर जाने से नहीं मान रहे लोग

कांढलू से पराशर की दूरी करीब पांच किलोमीटर है। खराब मौसम व बर्फबारी को देखते हुए प्रशासन ने इन दिनों पराशर, शिकारी देवी व कमरूनाग जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके लोग बाज नहीं आ रहे हैं।

सूचना मिलने पर रास्ता भटके विद्यार्थियों की खोज में दो टीमें पराशर के लिए रवाना की गई थीं। कई घंटे के सर्च अभियान के बाद देर रात दो बजे सभी छह विद्यार्थी ढूंढ निकाले। मनाही के बावजूद खुद की जान को जोखिम में डालने वालों के विरुद्ध प्रशासन अब सख्ती से पेश आएगा।

-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी

कोई भी व्यक्ति इन दिनों पराशर न जा पाए। इसके लिए कांढलू में पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए हैं।

-गुरदेव शर्मा, पुलिस अधीक्षक मंडी।

सभी छह विद्यार्थी रविवार को अवकाश होने पर निजी तौर पर पराशर गए थे। सूचना मिलते ही प्रशासन के साथ मिलकर सर्च अभियान चलाया गया। सभी विद्यार्थी सुरक्षित हैं।

-डॉ. विशाल चौहान, रजिस्ट्रार आइआइटी मंडी।

बारिश-बर्फबारी से 15 रूटों पर नहीं दौड़ी निगम की बस जिले में हुई हल्की बर्फबारी व बारिश के कारण 15 बस रूट बंद हो गए हैं। इससे इन रूटों पर निगम की बसें नहीं दौड़ पाईं। बसें स्टेशनों पर ही खड़ी रहने से लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं परिवहन निगम को भी नुकसान हुआ है। जिला में रविवार रात को मौसम खराब हो गया और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई  है जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश होती रही।

सोमवार को भी कुछ क्षेत्रों में यह क्रम जारी रहा। इससे परिवहन निगम मंडी डिपो के सात व सुंदरनगर डिपो के आठ बस रूट फेल हो गए। दोनों डिपो की कुल 15 बसें स्टेशनों पर ही फंसी हुई हैं। इस कारण यात्रियों को निजी बसों से गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। कुछ क्षेत्रों में निजी बसें न चलने से लोगों को पैदल सफर तय करना पड़ा। बारिश व बर्फबारी के कारण एक बार फिर ठंड बढ़ गई है। खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने जिला भर में अलर्ट जारी कर दिया है।

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा 18 से 21 फरवरी तक भारी बारिश व बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे पहाड़ी क्षेत्रों में जाने से परहेज रखें। उन्होंने कहा कि चेतावनी जारी होने के बाद भी कुछ लोग पहाड़ी भागों में चले जाते है, जिससे व स्वयं की जान जोखिम में डाल देते हैं। उन्होंने जिला के सभी पंचायत प्रधानों, गैर सरकारी संगठनों, ट्रैकर एवं नागरिकों से भी अनुरोध किया कि वे इस संदेश को लोगों तक पहुंचाएं। आपदा की स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र के दूरभाष नंबर 01905-226201, 202, 203, 204 एवं 1077 टोल फ्री नंबर पर सूचित करें।  


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