सुंदरनगर में शुकदेव वाटिका अनदेखी की शिकार
सहयोगी सुंदरनगर महर्षि शुकदेव की तपोस्थली शुकदेव वाटिका अनदेखी का शिकार हो रही ह
सहयोगी, सुंदरनगर : महर्षि शुकदेव की तपोस्थली शुकदेव वाटिका अनदेखी का शिकार हो रही है। वाटिका के रखरखाव पर न तो नगर परिषद ध्यान दे रही है और न ही जनप्रतिनिधि गंभीरता दिखा रहे हैं। बरसात में उगी झाड़ियों को अभी तक नहीं काटा गया है। इस कारण लोग यहां आने से कतराने लगे हैं। वहीं यहां खेलने के लिए लगाए गए उपकरण भी जंग खा रहे हैं।
बीएसएल परियोजना की झील के किनारे स्थित वाटिका पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकती है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित वाटिका को यदि विकसित किया जाए तो पर्यटक यहां कुछ समय के लिए जरूर ठहर सकते है। साथ में पर्यटन सूचना केंद्र से अनेक महत्वपूर्ण सूचनाएं भी ले सकते हैं, लेकिन वाटिका सुंदरीकरण को तरस रही है। शुकदेव वाटिका स्थित आश्रम में महर्षि शुकदेव ने तपस्या की थी। यहां स्थित गुफा से होते हुए वह गंगा स्नान करने जाया करते थे। इसके साथ ही यहां कुछ समय के लिए पांडवों ने भी ठहराव किया था। वाटिका में लगाए गए झूले व अन्य उपकरण जंग खा रहे हैं। आसपास गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जिन्हें उठाने का जिम्मा कोई लेने को तैयार नहीं है।
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शहर में शुकदेव वाटिका में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। बच्चों के खेलने के उपकरण खस्ताहाल है। जगह जगह गड्ढे पड़े हैं। नगर परिषद का कोई ध्यान नहीं है। मुख्यमंत्री को सराज से ही प्रेम है जबकि इस पार्क को मनरेगा पार्क की तरह विकसित किया जा सकता है।
सोहनलाल ठाकुर, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक सुंदरनगर।
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शुकदेव वाटिका के सुंदरीकरण के लिए कार्य किए हैं। पूर्व धूमल सरकार ने यहां पर पर्यटन सूचना केंद्र खोला था। अब उसके साथ रेस्टोरेंट खोला जहां ठहरने की भी व्यवस्था है। झील का किनारा होने के कारण यह एक दर्शनीय स्थल है। आने वाले समय में यहां और कमरे बनाए जाएंगे।
-राकेश जंवाल, विधायक।