सुरक्षित होगा शानन रोप-वे का सफर
शानन रोप-वे का सफर अब और सुरक्षित होगा। परियोजना प्रबंधन ने जर्जर
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : शानन रोप-वे का सफर अब और सुरक्षित होगा। परियोजना प्रबंधन ने जर्जर स्लीपरों को हटाने का कार्य शुरू कर दिया है। आगामी दो माह में रोप-वे का स्वरूप बदल दिया जाएगा।
जोगेंद्रनगर से बरोट तक पांच किलोमीटर रोप-वे के जीर्णोद्वार के लिए लकड़ी के 2200 स्लीपर एक साल पहले पहुंचे थे। दैनिक जागरण में समाचार प्रकाशित होने के बाद परियोजना प्रबंधन ने 200 स्लीपर बदल दिए हैं और 2000 बदलने हैं। रोप-वे का स्टील का रस्सा भी बदला जाएगा। इस पर करीब 35 लाख रुपये खर्च होंगे।
परियोजना के सीनियर सिविल इंजीनियर परविद्र ने बताया कि 10 दिनों में दो सौ से अधिक स्लीपर बदले गए हैं। दो माह के भीतर 18 नंबर तक रोप-वे के सभी जर्जर स्लीपर बदलने का लक्ष्य रखा है। स्लीपरों पर सवा करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। करीब 25 लाख रुपये प्लेट्स पर खर्च होगें। 20 लाख मजदूरी के साथ अनुमानित तीन करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
आठ हजार फीट पर हैं बींच कैंप
ब्रिटिश नागरिक कर्नल बैटी ने 1932 में रोप-वे की स्थापना की थी। रोप-वे में पहला स्टेशन शानन से डेढ़ किलोमीटर दूर 18 नंबर व दो किलोमीटर दूर आठ हजार फीट की ऊंचाई पर बींचकैंप आता है। करीब दो किलोमीटर दूर बरोट की तरफ हेडगेयर, तीसरा स्टेशन साढ़े सात हजार फीट की ऊंचाई पर है। कथियाडू से जीरो प्वाइंट तक उतराई में चौथा स्टेशन बरोट है। पंजाब राज्य बिजली बोर्ड शानन के अधीन आने वाले इस रोप-वे का निर्माण 110 मेगावाट शानन विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए किया गया था।
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रोप-वे को नया स्वरूप देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। जर्जर स्लीपरों को बदलने का काम शुरू हो गया है। अनुमानित तीन करोड़ रुपये खर्च कर करीब चार किलोमीटर लंबे रोप-वे को नया स्वरूप दिया जाएगा।
-हरीश शर्मा, एसई, शानन परियोजना जोगेंद्रनगर