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शाही जलेब के साथ सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज

शिवरात्रि महोत्सव में निकली राजदेवता माधोराय की जलेब पर मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र सराज के जंजैहली में एसडीएम कार्यालय को लेकर चल रहे आंदोलन का साया भी मंडराता रहा।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 16 Feb 2018 10:26 AM (IST)Updated: Fri, 16 Feb 2018 12:14 PM (IST)
शाही जलेब के साथ सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज
शाही जलेब के साथ सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज

मंडी, जेएनएन। पूर्व मंडी रियासत के राज देवता माधोराय की शाही जलेब के साथ ही अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज हो गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राजदेवता माधोराय के मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद इस शाही जलेब में शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महोत्सव में भाग लेने वाले देवीदेवताओं के नजराना व राशन राशि में 20-20 फीसद वृद्धि करने का निर्णय लिया। सीएम ने कहा कि बजंतरी देवीदेवताओं के अभिन्न अंग हैं। उन्हें इस बार दोगुना नजराना राशि दी जाएगी।

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निकट भविष्य में शिवरात्रि महोत्सव में नए देवी-देवताओं का पंजीकरण होगा। इसके लिए सर्व देवता कमेटी मापदंड तय करेगी। मंडी शहर के नजदीक हवाई पट्टी का निर्माण होगा। इससे पहले रियासतकाल से निकलने वाली राजदेवता माधोराय की जलेब पूरी शानो-शौकत के साथ निकली। माधोराय मंदिर से पड्डल मैदान के बीच 500 मीटर के सफर को तय करने में करीब दो घंटे का समय लगा। मुख्यमंत्री ने पड्डल मैदान में ध्वजारोहण कर एक सप्ताह तक चलने वाले महोत्सव का आगाज किया।

 

इस मौके पर सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, स्थानीय विधायक एवं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के अलावा विधायक कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर, जवाहर ठाकुर, राकेश जम्वाल, विनोद कुमार, इंद्र सिंह गांधी, प्रकाश राणा भी मेले की केसरिया पगड़ी धारण कर जलेब में शामिल हुए। माधोराय की जलेब में सबसे आगे पुलिस के घुड़सवार जवान और होमगार्ड बैंड, महिला गृहरक्षकों की टुकडिय़ों के अलावा स्कूली बच्चे और लोक नर्तकों के दलों ने सांस्कृतिक छटा बिखेरी। जलेब के दौरान मनमोहक झांकियों ने भी दर्शकों का मन मोह लिया।

 

जलेब में बालीचौकी क्षेत्र के देवता छानणू-झमाहूं की जोड़ी ढोल नगाड़ों की लय पर झूमते हुए सबसे आगे चल रही थी। इसके पश्चात सराज, सनोर-बदार क्षेत्र के देवता जो रियासत काल से राजदेवता की जलेब में शामिल हुए। इनमें देव शुकदेव ऋषि थट्टा और शुकदेव ऋ षि घाटीहाड़, देव मार्र्कंडेय कोटलू, देवी अंबिका डाहर, देव मतलोड़ा, देव गणपति, मगरू महादेव, बायला नारायण, खुड्डी जल आदि शामिल हुए। करीब 35 साल बाद चौहारघाटी के देवता हुरंग नारयण की अगुवाई में चौहार के चार देवता शामिल हुए। राजदेवता माधोराय की पालकी के ठीक आगे सनोरघाटी की भगवती अंबिका नाऊ चल रही थी। मेला कमेटी के अध्यक्ष उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न, शॉल और हिमाचली टोपी भेंटकर उनका स्वागत किया। उत्तरी भारत में भव्य देव समागम के लिए विख्यात मंडी शिवरात्रि महोत्सव 21 फरवरी तक चलेगा। 21 फरवरी को महोत्सव का समापन राज्यपाल आचार्य देवव्रत करेंगे।

शिवरात्रि की जलेब पर हावी रहा जंजैहली का साया

शिवरात्रि महोत्सव में निकली राजदेवता माधोराय की जलेब पर मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र सराज के जंजैहली में एसडीएम कार्यालय को लेकर चल रहे आंदोलन का साया भी मंडराता रहा। बीते कल ही जंजैहली में हुए उग्र प्रदर्शन को देखते हुए मंडी में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। शिवरात्रि के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि चार जिलों के पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था को देखने के लिए मंडी में तैनात कर दिए गए थे। इसी कारण मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी माधोराय की जलेब में पैदल चलने के बजाय जीप में सवार हुए।

 

अकसर मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री जलेब में माधोराय मंदिर से पड्डल मैदान तक पैदल ही जाते रहे हैं। जलेब मार्ग पर भी भारी पुलिस बल तैनात थे। प्रशासन को ऐसी सूचना मिली थी कि जंजैहली से कुछ गाडिय़ां मंडी की ओर आई हैं। इनमें सवार लोग शिवरात्रि की जलेब के दौरान मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाकर नारेबाजी भी कर सकते हैं। लेकिन यह बात मात्र अफवाह निकली।

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