न बायो गैस, न ही कूड़े से तैयार हो पाई बिजली
क प्रदूषित शहरों की श्रेणी में शामिल सुंदरनगर नगरी से निकलने वाले कूड़े कचरे को ठिकाने लगाने के लिए प्रोजेक्ट कागजों में ही बनकर रह गया। सुंदरनगर शहर सहित आसपास की नगर परिषद व नगर पंचायतों से निकलने वाले कूड़े से बायो गैस (वेस्ट टू एनर्जी) और रिफ्यूजड डिराइवड फ्यूल (आरडीएफ) प्लांट में बि
रजनीश हिमालयन, सुंदरनगर
सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की श्रेणी में शामिल सुंदरनगर नगरी से निकलने वाले कूड़े कचरे को ठिकाने लगाने के लिए प्रोजेक्ट कागजों में ही बनकर रह गया। सुंदरनगर शहर सहित आसपास की नगर परिषद व नगर पंचायतों से निकलने वाले कूड़े से बायो गैस (वेस्ट टू एनर्जी) और रिफ्यूजड डिराइवड फ्यूल (आरडीएफ) प्लांट में बिजली तैयार करने की योजना बजट के अभाव के कारण अधर में लटक गई है। नगर परिषद सुंदरनगर द्वारा 2013 में स्वीकृति के लिए भेजे गए इस प्रोजेक्ट के लिए राशि मुहैया आज दिन तक नहीं हो पाई है। नगर परिषद ने डंपिग साइट में कूड़ा निपटान के माध्यम से बायो गैस बनाने के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए 5.92 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाकर शहरी विकास विभाग को भेजा था। इसी प्रोजेक्ट के साथ आरडीएफ के लिए 65 लाख रुपये का प्रपोजल जलाने योग्य कूड़े से बिजली तैयार करने का प्रावधान रखा गया था, लेकिन प्रोजेक्ट के लिए राशि न मिलने के कारण नगर परिषद सुंदरनगर फिलहाल इस प्रोजेक्ट पर कार्य नहीं कर पा रही हैं। डंपिग साइट पर प्लास्टिक को नष्ट करने के लिए स्थापित की गई मशीन भी पिछले कई वर्षो से खराब पड़ी हुई है।
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एसीसी को भेजा जाता है छह टन प्लास्टिक
नगर परिषद द्वारा एसीसी के बरमाणा स्थित प्लांट को सप्ताह में दो गाड़ियों में भर कर 1.5 टन प्लास्टिक कचरा भेजा जा रहा है। महीने में यह छह टन के करीब बनता है। नगर परिषद का एसीसी के साथ एमओयू साइन हुआ था कि चार रुपये प्रति किलोग्राम प्लास्टिक के हिसाब से भुगतान किया जाएगा, लेकिन आज दिन तक एक भी पैसा नगर परिषद को नहीं मिल पाया है। यह एमओयू तीन साल बाद रिन्यू होता है।
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वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट के तहत बायो गैस और आरडीएफ प्लांट में बिजली बनाने की योजना से नगर परिषद ने अवगत करवाया है। पूर्व कांग्रेस सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस प्रोजेक्ट के लिए बजट का प्रावधान करवाने के लिए प्रयास किया जाएगा।
-राकेश जम्वाल, विधायक सुंदरनगर।
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पूर्व कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सिरे न चढ़ा कर सुंदर शहर सुंदरनगर को स्वच्छता अभियान को दरकिनार किया है। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र से बजट उपलब्ध करवाने की कोशिश की जाएगी।
-रामस्वरूप शर्मा, सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी मंडी संसदीय क्षेत्र।
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एक साल से प्रदेश में भाजपा की सरकार है। अगर भाजपा सरकार की मंशा इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की होती हो आज दिन तक पर काम हो जाता, लेकिन ऐसा नहीं है। आने वाले समय में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। केंद्र से इस प्रोजेक्ट के लिए राशि लाई जाएगी।
- आश्रय शर्मा, कांग्रेस प्रत्याशी मंडी संसदीय क्षेत्र।
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क्या कहती है क्षेत्रवासी
जहां एक और देश भर में संपूर्ण स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास करती रही, वहीं प्रदेश में स्वच्छता से संबंधित योजनाओं को बजट की दरकार है। बजट न होने के कारण जहां इन योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा है, वहीं स्वच्छता के दावे भी हवाई होते दिखाई दे रहे हैं।
-अशोक शर्मा, हंडेटी निवासी सुंदरनगर।
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गर्मी का मौसम होने से फिर से डंपिग साइट से बदबू निकलने की संभावनाएं बढ़ गई है। चांदपुर डंपिग साइट में ज्यादा मात्रा में कचरा फेंकने के कारण आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है। सुंदरनगर के लिए महत्वपूर्ण इस प्रोजेक्ट को तुरंत बजट मुहैया करवाना चाहिए।
-अमित सैनी, महासचिव युवा कांग्रेस।
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अगर यह बायो गैस और आरडीएफ प्लांट स्थापित हो जाते हैं, तो यह नगर परिषद को कूड़े के निपटारे में सहायक सिद्ध होगा। चांदपुर डंपिग साइट की हालत में भी सुधारेगी। प्रोजेक्ट बजट के अभाव के चलते शुरू न होने कारण डंपिग साइट बेहाल होकर रह गई है।
-दीपक सिक्का, चांगर वार्ड निवासी।
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चांदपुर डंपिग साइट में कूड़े को बायो गैस और रिफ्यूजड डिराइवड फ्यूल प्लांट बिजली तैयार करने की योजना बजट के अभाव के कारण अधर में लटक हुआ है। यहां पर बायो गैस और बिजली तैयार एकत्रित हो रहे कचरे से निकलने वाली बदबू से आसपास के लोगों को राहत मिलें।
-अमित भाटिया, एमडी फीट ऑफ फायर डांस अकादमी सुंदरनगर।