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लाहुल घाटी का दर्द समझ टशी दावा से बोले थे अटल जी रोहतांग सुरंग आपका ही नहीं मेरा भी सपना

2002 में की थी सुरंग निर्माण की घोषणा, सुरंग निर्माण के लिए छेरिंग दोरजे, टशी दावा व अभय चंद राणाा तीन बार मिले थे अटल से

By Edited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 08:44 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 11:25 AM (IST)
लाहुल घाटी का दर्द समझ टशी दावा से बोले थे अटल जी रोहतांग सुरंग आपका ही नहीं मेरा भी सपना
लाहुल घाटी का दर्द समझ टशी दावा से बोले थे अटल जी रोहतांग सुरंग आपका ही नहीं मेरा भी सपना

कुल्लू, कमलेश वर्मा। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने हिमाचल के लिए कई सौगात दी हैं। लेकिन रोहतांग सुरंग जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के लोगों सहित सरहद पर सेना के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस सुरंग के निर्माण की कहानी खासी दिलचस्प है। प्रसिद्ध साहित्यकार छेरिंग दोरजे बताते हैं, लाहुल घाटी के लिए सुरंग निर्माण के लिए अटल जी के कबायली सखा टशी दावा और अभय चंद राणा सहित हम तीन लोग 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री से मिले।

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लाहुल-पांगी जनजातीय सेवा समिति का गठन कर तीनों इसी सिलसिले में करीब तीन-चार बार अटल जी से मुलाकात हुई। अपने सखा की इस परेशानी का हल निकालने के लिए अटल जी ने उन्हें तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडिस को पूरी जानकारी देने के लिए कहा। साथ ही टशी दावा को यह भी कहा कि यह सपना लाहुल वासियों का ही नहीं, बल्कि अब मेरा भी है। इस सपने को हकीकत में पूरा करवाया जाएगा। छेरिंग दोरजे ने बताया समिति के हम तीनों पदाधिकारी रक्षा मंत्री से मिले। उन्हें रोहतांग सुरंग बनने के बाद जनजातीय लोगों के साथ-साथ कारगिल और लेह सहित सरहद तक जवानों के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता होने के संबंध में अवगत करवाया। इसके बाद 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री केलंग आए और वहां पर उन्होंने रोहतांग टनल बनाने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में वह सत्ता में न रहे और यूपीए सरकार ने इस सुरंग का शिलान्यास किया। अब कार्य लगभग पूरा होने को है।

सपना संजोने वाले नहीं रहे

छेरिंग दोरजे ने बताया जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में छह माह तक बर्फ की कैद में रहने को मजबूर लोगों को इससे बाहर निकालने का सपना पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल जी ने देखा था। अब यह सपना पूरा होने जा रहा है। लेकिन अफसोस कि इस सपने को संजाने वाले टशी दावा और अटल जी इस दुनिया में नहीं हैं। दिल्ली में इन्होंने दिखाई राह दोरजे ने बताया कि दिल्ली जाने पर हम तीनों की जान पहचान आरएसएस के प्रचारक चमन लाल और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला से संबंध रखने वाले ठाकुर राम सिंह से हुई। उन्होंने रोहतांग सुरंग बनाने के सपने को लेकर काफी सहायता की। इनके कहने पर ही उन्होंने लाहुल-पांगी जनजातीय विकास समिति का गठन किया।


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