खस्ताहाल एनएच पर खतरों भरा सफर
हन पास देते बार पक्की सड़क से बाहर निकालना खतरनाक साबित हो रहा है जबकि छोटे वाहनों के कलपुर्जे और चैंबर खराब वर्म की वजह से टूट रहे हैं। अभी कफर्यू के कारण स्थित सामान्य है लेकिन पहली जून से यातायात पूरी तरह बहाल होते ही वाहनों की आवाजाही बढ़ने से यहां और घटनाएं बढ़ सकती हैं। सड़
आशीष भोज, पद्धर
पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग की खस्ताहाल पर अभी तक मरहम नहीं लग पाया है। सड़क के किनारे क्षतिग्रस्त वर्म हादसों को न्योता दे रहे हैं। जोगेंद्रनगर से मंडी तक तक खस्ताहाल मार्ग में दोपहिया वाहन पास देती बार पक्की सड़क से बाहर निकालकर खतरनाक साबित हो रहे हैं, जबकि छोटे वाहनों के कलपुर्जे और चैंबर खराब वर्म की वजह से टूट रहे हैं। अभी कर्फ्यू के कारण स्थिति सामान्य हैं, लेकिन पहली जून से यातायात पूरी तरह बहाल होते ही वाहनों की आवाजाही बढ़ने से यहां और घटनाएं बढ़ सकती हैं। मंगलवार को पाली के समीप स्कूटी में सवार दो युवतियां भी इसी वजह से जख्मी हुई। खराब वर्म की फिलिंग करने को एनएचएआइ कोई दिलचस्पी नही ले रहा है। विगत तीन साल से एनएच प्राधिकरण मार्ग एनएचएआइ के अधीन होने की बात कहकर हाथ पीछे खींचता आया है। हैरानी की बात तो यह है कि इसके लिए राशि मंजूर भी हुई है उसके लिए जेसीबी, टिप्पर आदि की कोई व्यवस्था नहीं है, न ही मिट्टी तक उपलब्ध है। घटासनी से लेकर तालगहर तक करीब चार किलोमीटर के एरिया में सड़क किनारे दोनों तरफ के वर्म पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। अगर बरसात से पहले इनको ठीक नहीं किया गया तो बरसात के समय यहां हादसों में कई लोग जान गवां सकते हैं क्योंकि यह मार्ग संकरा है। साथ ही मंडी-जोगेंद्रनगर के बीच हराबाग, गुम्मा, तालगहर, उरला, कोटरोपी, नारला, मोहड़धार, मैगल के पास के कई ऐसे प्वाइंट हैं जो खतरनाक जोन बने हुए हैं। सड़क के खराब वर्म को भरने का कार्य शुरू कर दिया है। बरसात से पहले यह कार्य पूरा करने की कोशिश रहेगी।
सतीश नाग, टेक्निकल एडवाइजर एनएचएआइ।