Move to Jagran APP

जल्द पहुंचना पड़ा महंगा, 281 लोगों की गई जान

जल्द पहुंचने की जल्दी ने जिला मंडी के 281 लोगों की जिदगी की डोर त

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 07:01 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:01 AM (IST)
जल्द पहुंचना पड़ा महंगा, 281 लोगों की गई जान
जल्द पहुंचना पड़ा महंगा, 281 लोगों की गई जान

जागरण संवाददाता, मंडी : जल्द पहुंचने की जल्दी ने जिला मंडी के 281 लोगों की जिदगी की डोर तोड़ दी। तीन साल में हुए 957 सड़क हादसों में अधिकतर तेज रफ्तार के कारण हुए हैं। यातायात नियमों का पालन न करना, ओवरलोडिग व धुंध भी हादसों का कारण बनी है। पिछले तीन साल में 1510 लोग हादसों में घायल हुए हैं।

loksabha election banner

पुलिस विभाग के पास मौजूद आंकड़ों से पता चलता है कि तेज रफ्तार हादसों का सबसे बड़ा कारण रहा है। इसमें दोपहिया वाहन सवार अधिक चपेट में आए हैं। 90 के करीब दोपहिया वाहन चालक तेज रफ्तार के कारण दुर्घटना का शिकार हुए हैं। इनमें से 40 के करीब लोगों की मौत हुई है। अधिकतर हादसे वहां हुए हैं जहां फोरलेन बना है।

मंडी शहर ब्यास नदी के किनारे होने के कारण यहां धुंध रहती है। इस कारण सुबह व शाम को कई बार वाहन दिखाई न देने के कारण टकरा जाते हैं और कई बार अनियंत्रित होकर पलट जाते हैं। आंकड़ों के मुताबिक 72 हादसे चालकों को दिखाई न देने के कारण हुए हैं। हाल ही में एक जीप अनियंत्रित होकर मंडी शहर के पुलघराट से सुकेती खड्ड में गिरी थी। हादसे में सात लोगों की मौत हुई थी। यह हादसा सुबह हुआ था। पिछले आठ साल की बात करें तो 2016 में सबसे अधिक 459 हादसे हुए और 171 लोगों की मौत हुई थी। अगस्त 2020 तक 222 हादसे हो चुके हैं और 84 लोगों की मौत हुई है। पुलिस प्रशासन समय-समय पर लोगों को जागरूक करता है लेकिन फिर भी वे यातायात नियमों की अनदेखी कर तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं।

तीन वर्ष में हादसे

वर्ष,कुल हादसे,घायल,मरे

2018,377,687,98

2019,358,541,106

2020,222,282,84

---------

पुलिस समय-समय पर लोगों को जागरूक करती है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटे जाते हैं। इसके बावजूद कुछ लोग नियमों का पालन न कर हादसों को न्योता देते हैं। लोगों से अपील है कि तेज रफ्तार से वाहन न चलाएं और नियमों का पालन करें।

-आशीष शर्मा, एएसपी मंडी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.