अब सीवरेज से दूषित नहीं होंगी नदियां
मुकेश मेहरा मंडी प्रदेश की नदियां व खड्डें सीवरेज की गंदगी से दूषित नहीं होंगी। जलश्
मुकेश मेहरा, मंडी
प्रदेश की नदियां व खड्डें सीवरेज की गंदगी से दूषित नहीं होंगी। जलशक्ति विभाग नदियों व खड्डों के किनारे स्थित मनाली, करसोग, नाहन, पालमपुर और बिलासपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाएगा। फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी (एफडीए) के सहयोग से 817.12 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे। इस सबंध में समझौता ज्ञापन पर सितंबर में हस्ताक्षर होंगे। इसमें 80 प्रतिशत एफडीए और 20 प्रतिशत राज्य सरकार का हिस्सा है।
शहरों की लगातार बढ़ रही आबादी के कारण सीवरेज की गंदगी से नदियां दूषित हो रही हैं। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भी इस बारे में सरकार को अवगत करवा चुका है। मनाली में ब्यास, करसोग, बिलासपुर में सतलुज, नाहन में मार्कंडेय और पालमपुर में मोल खड्ड बहती है। मनाली में होटलों का भी अधिक दबाव है, यहां सीवरेज प्लांट छोटा पड़ रहा है। प्रोजेक्ट के तहत मनाली में 218.78 करोड़, बिलासपुर प्रथम चरण में 59.89 करोड़, द्वितीय चरण में 33.41 करोड़, नाहन में 144.47 करोड़, करसोग में 58.80 करोड़, पालमपुर के लिए 58.19 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इन शहरों में हुए अप्रैल 2022 से सर्वे के आधार पर पाइपलाइन बिछाने और उसे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने का कार्य होगा। मनाली व पालमपुर की पेयजल सप्लाई होगी दुरुस्त
एफडीए के इस प्रोजेक्ट में पालमपुर व मनाली की पेयजल व्यवस्था भी दुरुस्त होगी। पालमपुर ग्रेविटी सिस्टम और बंदला के प्रोजेक्ट को 23.51 करोड़ से और बेहतर किया जाएगा। मनाली शहर के मनालसू नाला में बने पेयजल सप्लाई सिस्टम पर 106.01 रुपये खर्च होंगे। एफडीए के तहत पांच शहरों के लिए बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए ऋण समझौता सितंबर में होगा। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। प्रोजेक्ट की पूरी रिपोर्ट तैयार है।
-डा. ई. धर्मेंद्र गिल, प्रमुख अभियंता प्रोजेक्ट जलशक्ति विभाग।