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यहां दुकान से महंगा रेहड़ी लगाना

छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी शहर में प्राइम लोकेशन में दुकान की अपेक्षा शहर के कोने में रेहड़ी लगाना महंगा हो गया। लंबे अरसे से नगर परिषद की दुकानों का निर्धारित किराया अभी तक नहीं बढ़ने से दुकानदार अभी तक चांदी कूट रहे थे। लेकिन नगर परिषद ने अब कुछ दुकानों का किराया बढ़ा कर अपने कड़े तेवर दिखा दिए हैं। बढ़ा हुआ किराया अदा नहीं करने वालों को दुकान से हाथ धोना पड़ सकता है। दूसरी ओर हाउस टैक्स की दरें निर्धारित करने के लिए शुरू किया गया सर्वे अपने अंतिम पड़ाव पर है। वार्ड नंबर तेरह में अभी सर्वे का कार्य चल रहा है। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद नगर परिषद गृहकर दबाए बैठे लोगों की सूची तैयार कर उनकी सूची तैयार करेगी। बड़े देनदारों को गृह कर की अदायगी को लेकर चेतावनी के रूप में नोटिस जारी करेगी। नगर परिषद मंडी ने अपने संसाधनों का उचित दोहन करने का निर्णय लिया है। जिससे नगर परिषद की आय में बढ़ोतरी के साथ साथ चरमरा चुकी व्यवस्था को भी पटरी पर लाया

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 05:20 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 05:20 PM (IST)
यहां दुकान से महंगा रेहड़ी लगाना
यहां दुकान से महंगा रेहड़ी लगाना

संवाद सहयोगी, मंडी : छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी शहर में प्राइम लोकेशन में दुकान की अपेक्षा शहर के कोने में रेहड़ी लगाना महंगा हो गया। लंबे अरसे से नगर परिषद की दुकानों का निर्धारित किराया अभी तक नहीं बढ़ने से दुकानदार अभी तक चांदी कूट रहे थे। लेकिन नगर परिषद ने अब कुछ दुकानों का किराया बढ़ाकर कड़े तेवर दिखाए हैं। बढ़ा हुआ किराया अदा नहीं करने वालों को दुकान से हाथ धोना पड़ सकता है। दूसरी ओर हाउस टैक्स की दरें निर्धारित करने के लिए शुरू किया गया सर्वे अपने अंतिम पड़ाव पर है। वार्ड नंबर 13 में अभी सर्वे का कार्य चल रहा है। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद नगर परिषद गृहकर दबाए बैठे लोगों की सूची तैयार करेगी। बड़े देनदारों को गृह कर की अदायगी को लेकर चेतावनी के रूप में नोटिस जारी करेगी।

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नगर परिषद मंडी ने अपने संसाधनों का उचित दोहन करने का निर्णय लिया है, जिससे नगर परिषद की आय में बढ़ोतरी के साथ-साथ चरमरा चुकी व्यवस्था को भी पटरी पर लाया जा सके। हाल ही में हुई बैठक में नगर परिषद ने शहर की प्राइम लोकेशन पर अपनी दुकानों के किराये में बढ़ोतरी करने के फैसले को शहरवासी बेहतरीन निर्णय करार दे रहे हैं। नगर परिषद को अभी भी अपनी दुकानों का महज 200 रुपये मासिक किराया मिल रहा था, जबकि गरीब रेहड़ी-फहड़ी वाले को माह में 600 रुपये मासिक किराया अदा करना पड़ रहा है। यानी शहर में प्राइम लोकेशन में नगर परिषद की दुकान के मुकाबले रेहड़ी लगाना कई गुणा महंगा हो गया है।

हालांकि पिछले दिनों नगर परिषद के कड़े रुख के बाद कुछ देनदार गृहकर अदायगी को आगे आए हैं। लेकिन अभी भी नगर परिषद को करीब अस्सी लाख रुपये गृहकर के रूप में देनदारों से लेना है। नए सिरे से शहर में लोगों के घरों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों का सर्वे अंतिम चरण में है। इसके बाद गृहकर अदा नहीं करने वालों की सूची तैयार कर उन पर कानूनी शिकंजा कसने की नगर परिषद ने तैयारी कर ली है। मोटे तौर पर करीब सौ बड़े देनदार गृहकर की मोटी रकम पर कुंडली मार कर बैठे हैं। इसमें समाज में अच्छा खासा रुतबा रखने वाले लोग भी शामिल हैं। लेकिन नगर परिषद के कड़े तेवर के बाद अब आने वाले दिनों में बड़े देनदारों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

------- गृहकर की अदायगी को लेकर देनदारों को नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके बाद भी अगर लोग गृहकर अदायगी को आगे नहीं आए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दुकानों का किराया बढ़ाया जा रहा है।

-सुमन ठाकुर, अध्यक्ष, नगर परिषद मंडी।


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