सेब के मिल रहे बेहतर दाम, बागवान मालामाल
मृगेंद्र पाल गोहर सराज घाटी में तैयार सेब की नई किस्म मंडियों में खूब धूम मचा रही है। ब
मृगेंद्र पाल, गोहर
सराज घाटी में तैयार सेब की नई किस्म मंडियों में खूब धूम मचा रही है। बागवानों को रेड चीफ सेब की एक पेटी के तीन हजार से 3500 रुपये दाम मिल रहे हैं, जबकि आधी पेटी 1300 से 1700 रुपये में बिक रही है।
सेब की फसल बंपर होने से बागवान गदगद हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस बार सेब के उत्पादन में बंपर वृद्धि हुई है। अन्य राज्यों के व्यापारी सेब के लिए बागवानों से संपर्क कर रहे हैं। बगस्याड़ के बागवान दिव्यांशु ठाकुर, संजय कुमार, राजा ठाकुर, हेमंत कुमार, दीवान चंद, परम देव शर्मा, कुशाल सिंह, ओम चंद, खेम सिंह, ऋषव ठाकुर, कृष्ण कुमार ने बताया कि पंचकूला और परवाणू की फल मंडियों में रेड चीफ सेब की मांग बढ़ी है। सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में बर्फबारी होने व सेब के पौधों में फ्लावरिग आने के वक्त उचित तापमान मिलने के कारण सेब की बंपर फसल हुई।
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सराज के अग्रिम पंक्ति में सेब उत्पादक इलाके
सराज क्षेत्र के सेब उत्पादक क्षेत्र शिकावरी, लेहगला, तांदी, निलमपुर, थुनाग, जूड़, लंबाथाच, निहरी सुनाह, शिल्हीबागी, थनूटा, कल्हणी, भाटकीधार, सलाहर, केलाधार, कांढा, रहीधार, सरण, बगस्याड़, बालीचौकी, थाची, गुरेण, घनेर, गाड़ागुसैणी, गतू, तुगाधार, ओडीधार, जंजैहली, चपपलांदीधार, संगलवाड़ा, रायगढ़, छतरी आदि स्थानों पर सेब की बंपर पैदावार हुई है।
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सेब की नई किस्म से बगीचों में बहार
प्रगतिशील बागवान चमन ठाकुर ने बताया कि पहले बागवान स्टेंडर्ड किस्म के पौधों को बगीचों में लगाते थे जोकि 15 से 20 साल के बाद सैंपल के तौर पर फसल देते थे, लेकिन अब बागवानों में अरली किस्म के पौधे लगाना शुरू किए है जोकि तीन से पांच साल के अंतराल में सेब की फसल देना शुरू कर देते हैं। जिनमें अब नई तकनीकी से तैयार छोटी वरायटी के पौधे कई सालों तक सेब की फसल देते हैं। बागवान रेड चीफ, सुपर चीफ, जेरोमाइन, स्कारलेट सुपर -2, गाला डार्क बैरन, रैडलम गाला, शनैको गाला, गेल गाला, किगराट, एडम, रैड लव गाला आदि किस्म के पौधों को अधिक महत्व दे रहे हैं।