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निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल समाप्त, सरकार किराया बढ़ाने को तैयार

निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ मंगलवार रात हुई वार्ता के बाद ऑपरेटर्स ने ये निर्णय लिया।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 07:51 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 07:51 AM (IST)
निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल समाप्त, सरकार किराया बढ़ाने को तैयार
निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल समाप्त, सरकार किराया बढ़ाने को तैयार

मंडी, जेएनएन। निजी बस ऑपरेटर्स की दो दिन से चली आ रही हड़ताल समाप्त हो गई है। बुधवार को प्रदेश की सड़कों पर निजी बसें फिर से दौड़ेंगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ परिधि गृह मंडी में मंगलवार रात हुई वार्ता के बाद ऑपरेटर्स ने हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया है। सरकार किराया बढ़ाने पर राजी हो गई है, लेकिन किराया कितना बढ़ेगा यह अभी तय नहीं हुआ है। 25 सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगेगी।  इससे पहले ऑपरेटरों की 16 सदस्यीय कमेटी बुधवार को परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर व परिवहन सचिव जगदीश चंद्र के साथ बैठक कर मांगें रखेंगे। 

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उत्तराखंड का फार्मूला ठुकराया

ऑपरेटर्स ने उत्तराखंड परिवहन निगम के किराया दरों को ठुकरा दिया है। प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड की तर्ज पर बस किराया तय करने पर हामी भरी थी। पहाड़ी क्षेत्र में उत्तराखंड में 1.72 पैसे प्रति सवारी प्रति किलोमीटर किराया है। प्रदेश में अभी 1.44 पैसे प्रति किलोमीटर किराया है। ऑपरेटर किराये में 60 से 80 प्रतिशत की वृद्धि व न्यूनतम किराया 10 रुपये निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश में पांच साल से बस किराये में कोई वृद्धि नहीं हुई है। ऑपरेटरर्स का तर्क है सरकार ने 2013 में बस किराया बढ़ाया था। उस समय डीजल 51.11 रुपये प्रति लीटर था। अब डीजल के दाम 74 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं। बसों की मरम्मत का खर्च, चालक व परिचालक के वेतन में कई गुना इजाफा हुआ है। ऐसे में बसें चलाने घाटे का सौदा बन चुका है।

16 सदस्यीय कमेटी गठित

सरकार ने ऑपरेटर्स को 20 फीसद तक किराया बढ़ाने का ऑफर दिया था, लेकिन वे इस बात पर नहीं माने थे। सोमवार को शिमला के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री के साथ एक बार फिर से वार्ता हुई। जिसमें भाग लेने के लिए प्रदेशभर से ऑपरेटर मंडी पहुंचे थे। पहले बैठक विपाशा सदन में रखी गई थी। ऑपरेटर्स की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने वार्ता के लिए 16 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इसके बाद परिधि गृह में कमेटी के प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री के साथ करीब 30 मिनट तक बैठक हुई।  बैठक में परिवहन सचिव जगदीश चंद्र व ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा भी मौजूद रहे।

दिनभर भटकते रहे लोग

निजी बस ऑपरेटरों की मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल से यात्री बेहाल रहे। शिमला जिला में करीब 119 निजी बसें सुचारू रूप से चलती रहीं, जबकि चंबा जिला के ऑपरेटर्स पहले ही हड़ताल से दूर रहे। हड़ताल से निपटने के लिए मंगलवार को एचआरटीसी ने प्रदेश में तीन हजार से अधिक बसें चलाई गईं। निगम ने दो दिन के भीतर ही 20 लाख रुपये से अधिक की अतिरिक्त कमाई की है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से वार्ता के बाद हड़ताल वापस ले ली गई है। 25 सितंबर को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में यदि हमारी मांगों के अनुरूप प्रदेश सरकार ने किराया नहीं बढ़ाया तो

अगली रणनीति बनाई जाएगी। 

राजेश पराशर, प्रदेशाध्यक्ष, निजी बस ऑपरेटर यूनियन

निजी बस ऑपरेटर्स के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक हुई है। किराया बढ़ाने की मांग कुछ हद तक जायज

है। किराया कितना बढ़ेगा। 25 सितंबर को कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। गरीब

जनता पर बढ़ा बोझ न पड़े, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।

-जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री।

पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम करने पर विचार करेगी सरकार : जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों से परेशान प्रदेश की जनता को राहत प्रदान करने के लिए सरकार राजस्थान की तर्ज पर वैट कम करने पर विचार कर रही है। जल्द ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। वल्लभ कॉलेज मंडी में देश की 9वीं कलस्टर यूनिवर्सिटी के भवन की आधारशिला रखने के बाद जयराम कॉलेज के हीरक जयंती समारोह में संबोधित कर रहे थे। बकौल जयराम, केंद्र सरकार ने प्रदेश को कलस्टर यूनिवर्सिटी की सौगात दी थी, लेकिन पूर्व कांग्रेस सरकार ने मामला लटकाए रखा।

यूनिवर्सिटी का नामकरण सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से किया गया है। इसके शुरू होने से मध्य हिमाचल के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए अब शिमला या चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा। युवाओं में नशे का बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय बन गया है। इसके लिए स्वच्छता की तरह प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की जरूरत है। अपने घर परिवार, आस-पड़ोस, समाज, प्रदेश और देश को नशामुक्त करने की जरूरत है। सरकार ने नशे पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

सभी बड़े शिक्षण संस्थानों में जागरूकता अभियान चलेंगे। इसमें वह खुद, राज्यपाल व मंत्री भी भाग लेंगे।


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