सर्दियों में गहरा सकता है उत्तर भारत में बिजली संकट
जल संकट के कारण अगस्त में भी बीबीएमबी के प्रोजेक्ट बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे।
मंडी, जेएनएन। बीबीएमबी के भाखड़ा व पौंग बांध पर जल संकट की मार अब भी जारी है। जल संकट के कारण बरसात यानी अगस्त में भी बीबीएमबी के प्रोजेक्ट बिजली उत्पादन का तय लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे। सर्दियों में इस बार उत्तर भारत के कई राज्यों को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा। अगस्त में बीबीएमबी के पांच प्रोजेक्टों में 1389 लाख यूनिट कम बिजली उत्पादन हुआ है।
केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग ने बीबीएमबी को अगस्त में 11700 लाख यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा था। इस दौरान 10311 लाख यूनिट बिजली उत्पादन हुआ है। वहीं, चार माह से सूखे की मार झेल रहे राज्य विद्युत परिषद के पनविद्युत प्रोजेक्टों के लिए अगस्त राहत लेकर आया है। परिषद के 17 प्रोजेक्टों में तय लक्ष्य से 33 मिलियन यूनिट अधिक बिजली उत्पादन हुआ है।
अगस्त में आयोग ने परिषद को 288.45 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य दिया था। प्रोजेक्टों में 321.570 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ है जो तय लक्ष्य से करीब 33 मिलियन यूनिट अधिक है।संजय विद्युत परियोजना भावानगर में 84.380, गानवी में 13.426, चाबा में 0.600, गिरी में 53.450 मिलियन यूनिट उत्पादन दर्ज किया गया है। आंध्रा परियोजना में 11.490, बस्सी में 45.730, बिनवा में 4.520, गज में 6.020, बनेर में 5.570, खोली परियोजना में 6.970, लारजी में 83.850, गुम्मा में 0.520 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन रिकॉर्ड किया गया है। भावा आगुर्मेंटेशन में 0.140, होली में 0.360, रुकती में 0.270,चंबा भूरि सिंह में 0.70 और गानवी द्वितीय में 4.210 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। बरसात में नदी-नालों में पानी की आवक बढ़ने से परिषद के प्रोजेक्ट लक्ष्य से अधिक बिजली उत्पादन करने में सफल रहे हैं।
भाखड़ा व पौंग जलाशय में जल संकट के कारण यह समस्या सामने आई है। सर्दियों में बिजली उत्पादन की स्थिति और नाजुक होने की संभावना है।
-डीके शर्मा, चेयरमैन, बीबीएमबी।