गोहर में झुलसा रोग की चपेट में टमाटर
सहयोगी, गोहर : गोहर में टमाटर की फसल को झुलसा रोग लग गया है। इससे लाखों रुपये की फस
सहयोगी, गोहर : गोहर में टमाटर की फसल को झुलसा रोग लग गया है। इससे लाखों रुपये की फसल खराब होने की कगार पर है। यह देख किसानों की ¨चता बढ़ गई है। गोहर के दाड़ी, दुगराई, बेहरी, बाहवा, स्यांज, छपराहन, कोहलू, कोट, नौण, बजरोहडू, शाला आदि गांवों के किसानों के खेतों में टमाटर की फसल को पछेता झुलसा रोग लग गया है। किसानों ने इस बार अन्य फसल न बीजकर टमाटर की फसल भारी मात्रा में लगाई है। टमाटर की बंपर फसल होने के बाद किसानों के चेहरों पर रौनक थी। एक या दूसरे तुड़ान के बाद बरसात में फसल अचानक झुलसा रोग की चपेट में आने से किसानों की कमर टूट गई हैं। जिले में टमाटर के भाव उम्मीद से कम पहले ही मिल रहे थे। अब अचानक लगे रोग के कारण किसानों को बरसात के सीजन में टमाटर की फसल लगाने का दाव उलटा पड़ गया है। किसानों को अच्छी कमाई की उम्मीद तो उसी दिन खत्म हो गई थी जब टमाटर दाम प्रति क्रेट सौ रुपये से भी कम बिकने लगा। रही सही कसर रोग ने निकाल दी। क्षेत्र के किसान हरीश चौहान, सुरेंद्र पाल, नानक चंद, ललित कुमार, राम ¨सह, श्याम लाल, नेत्र ¨सह, हरी ¨सह, परम देव, लाल ¨सह ने बताया कि क्षेत्र के किसानों टमाटर की खेती बड़े ही चाओ से की थी उससे किसानों को अच्छी कमाई होने की उम्मीद थी। रोग लगने किसानों को इस बार भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानों ने रोष जताते हुए बताया कृषि विभाग की ओर से किसानों को समय समय पर जानकारी नहीं मिल पाती। इस कारण किसानों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
कृषि विभाग गोहर के कृषि विषय विशेषज्ञ डॉ. खूब राम चौहान ने बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण उचित तापमान में गिरावट आ जाती हैं। इस कारण टमाटर की फसल पछेता झुलसा रोग की चपेट में आ जाती हैं। उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसान टमाटर की फसल को इस रोग से बचाने के लिए डाइथेन एम 45, रिडोमिल ढाई ग्राम प्रति लिटर पानी में स्टिकर घोलकर सप्ताह में तीन बार छिड़काव करें।