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इस बार 363 हेक्टेयर अधिक भूमि पर होगा पौधारोपण

जागरण संवाददाता मंडी पीपल की छांव और औषधीय पौधे का लाभ मंडी की जनता को मिलेगा। इस बार

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 05:05 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 06:14 AM (IST)
इस बार 363 हेक्टेयर अधिक भूमि पर होगा पौधारोपण
इस बार 363 हेक्टेयर अधिक भूमि पर होगा पौधारोपण

जागरण संवाददाता, मंडी : पीपल की छांव और औषधीय पौधे का लाभ मंडी की जनता को मिलेगा। इस बार वन विभाग ने मंडी जिले में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। वन क्षेत्र 30 प्रतिशत बढ़ाने के लक्ष्य को देखते हुए इस साल 363 हेक्टेयर अधिक भूमि में पौधारोपण होगा। पिछले साल 700 हेक्टेयर भूमि में पौधारोपण हुआ था तो इस बार 963 हेक्टेयर भूमि में पौधे लगाए जाएंगे।

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वन विभाग मैदानी इलाकों में औषधीय पौधों में आंवला, बेहड़ा, हरड़, जामुन, मिडल बेल्ट में चौड़ी पत्ती वाले पौधे लगाए जाएंगे जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में देवदार के पौधे लगाए जाएंगे। मैदानी क्षेत्रों में पीपल के पौधे लगाने हैं। यह जोगेंद्रनगर और आसपास के इलाकों में रोपे जाने हैं। जिला के पांच सर्किलों मंडी, सुंदरनगर, जोगेंद्रनगर, नाचन, करसोग में पौधारोपण के लिए जगह तलाश कर ली गई है और 400 से अधिक स्थान चिह्नित किए गए हैं।

मंडी जिले ने पिछले वर्ष 3.36 लाख पौधे तीन दिन में रोपे थे। इसमें चौड़ी पत्ती वाले पौधों का अधिक रोपण हुआ। ये 148085 पौधे लगाए गए थे। 36 हजार बान के पौधे और 147325 देवदार के पौधे लगाए गए थे। पौधारोपण में मंडी के 13321 लोगों ने सहयोग दिया था।

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बड़े पौधे लगा रहा विभाग

वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो पहले छोटे पौधे रोपे जाते थे और अधिक बारिश आदि में बह जाते थे। सरकार ने जब बड़े पौधे रोपित करने का निर्णय लिया है इससे पौधे बच रहे हैं। कुछ साल से 90 से 92 प्रतिशत पौधे जो रोपे गए थे वह सुरक्षित रहे हैं। यही कारण है कि मंडी का हरित आवरण बढ़ा है।

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सरकार द्वारा वन क्षेत्र बढ़ाने के आदेश के बाद अब जिला में इस बार 963 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण होगा। यह पिछली बार के मुकाबले 363 हेक्टेयर अधिक है। इस बार भी औषधीय पौधों सहित अन्य पौधे रोपे जाएंगे।

-एसएस कश्यप, डीएफओ वन विभाग मंडी।


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