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अनोखी तकनीक जिससे घर बनेंगे मजबूत, वन संपदा भी रहेगी सुरक्षित

आइआइटी मंडी में शोध शुरू, पत्तियों से ईंधन बनाने की तकनीक पहले ही ईजाद हो चुकी है लेकिन अब मकानों को मजबूत बनाने के लिए भी चीड़ की पत्तियां का प्रयोग किया जाएगा।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 09:51 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 09:51 AM (IST)
अनोखी तकनीक जिससे घर बनेंगे मजबूत, वन संपदा भी रहेगी सुरक्षित
अनोखी तकनीक जिससे घर बनेंगे मजबूत, वन संपदा भी रहेगी सुरक्षित

मंडी, सराज सैनी। चीड़ की पत्तियां अब मकानों को मजबूती प्रदान करेंगी। कंकरीट में मिलाकर पत्तियों का इस्तेमाल चिनाई व प्लास्टर में होगा। इससे जंगल आग से सुरक्षित होंगे और वन विभाग की सिरदर्दी भी कम होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के विशेषज्ञ इस पर शोध कर रहे हैं। शोध के अच्छे परिणाम आए हैं। चीड़ की पत्तियों से ईंधन (ब्रिकेट्स) बनाने की तकनीक आइआइटी विशेषज्ञ पहले ही ईजाद कर चुके हैं और प्रदेश सरकार इस तकनीक को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर चुकी है। 25 लोगों ने वन विभाग के पास उद्योग लगाने के लिए आवेदन भी कर दिया है। सरकार ने उद्योग लगाने वालों को 50 से 80 फीसद तक अनुदान देने की घोषणा कर रखी है।

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चीड़ की पत्तियां की खासियत 

चीड़ की पत्तियों का लोग पहले मिट्टी के मकानों में चिनाई व पुताई में इस्तेमाल करते थे। पत्तियों से मकानों को मजबूती मिलने के पीछे वैज्ञानिक आधार भी है। चीड़ की पत्तियों में हलकी मात्रा में बिरोजा मौजूद रहता है। बिरोजा गोंद की तरह पकड़ का काम करता है। प्रदेश में करीब सवा लाख हेक्टेयर वन भूमि में चीड़ के पेड़ हैं। हर साल डेढ़ लाख टन से अधिक चीड़ की पत्तियां निकलती हैं।

वनसंपदा की होगी आग से रक्षा 

गर्मियों में यही चीड़ की पत्तियां आग से जंगलों में तांडव मचाती हैं। इससे करोड़ों रुपये की वन संपदा स्वाह होती है। चीड़ की पत्तियों के ढेर के नीचे घास व अन्य पेड़ पौधे विकसित नहीं हो पाते हैं। लोग पत्तियों में आग लगा देते हैं। कंकरीट में उपयोग होने से पत्तियों की खपत बढ़ेगी। पत्तियां इकट्ठी करने में सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। विज्ञान एवं पर्यावरण मंत्रालय ने आइआइटी को यह प्रोजेक्ट सौंपा था।

प्रदेश के जंगलों में हर साल डेढ़ लाख टन से अधिक निकलने वाली चीड़ की पत्तियों का कोई उपयोग नहीं होता है। गर्मियों में यही पत्तियां आग लगने से वन संपदा को नुकसान पहुंचाती है। आइआइटी के विशेषज्ञ ब्रिकेट्स बनाने की तकनीक पहले ही ईजाद कर चुके हैं। अब मकान निर्माण यानी कंकरीट में पत्तियों का इस्तेमाल होने से इन्हें ठिकाने लगाने की समस्या से निजात मिलेगी।

-पीएल चौहान, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल (प्रबंधन) हिमाचल।

चीड़ की पत्तियों को कंकरीट में मिलाकर उसे मकान निर्माण उपयोग में लाया जाएगा। इस पर शोध चल रहा है। सार्थक परिणाम सामने आए हैं। 

-कौश्तव सरकार, सहायक प्रोफेसर आइआइटी मंडी।


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