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बीबीएमबी के खिलाफ फूटा परिजनों का गुस्सा

संवाद सहयोगी, सुंदरनगर : मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुंदरनगर के शहीद नरेश चौक

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:40 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:40 PM (IST)
बीबीएमबी के खिलाफ फूटा परिजनों का गुस्सा
बीबीएमबी के खिलाफ फूटा परिजनों का गुस्सा

संवाद सहयोगी, सुंदरनगर : मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुंदरनगर के शहीद नरेश चौक के समीप मंगलवार देर रात जीप और तेल के टैंकर के बीच हुई टक्कर के बाद पानी से जीप का निकालने में देरी होने पर परिजन भड़क गए। थाची से सुंदरनगर अपने रिश्तेदारों का पता लगाने के लिए पहुंचे लोगों की मांग पर क्रेन उपलब्ध न करवाने पर लोगों भड़क गए और हादसा स्थल से कंट्रोल गेट पर पहुंच कर बीबीएमबी कर्मचारियों को घेराव कर दिया। इस दौरान परिजन और रिश्तेदार शीघ्र क्रेन भेजकर जीप को पानी से बाहर निकालने की गुहार लगाते रहे। लापता मणी राम का बुआ का बेटा शेष राम और लापता धनदेव का जीजा खेमराज सहित अन्य वेदप्रकाश, डाबे राम, लुदरमणि, उत्तम राम निवासी थाची बार-बार बीबीएमबी से क्रेन भेजकर जीप को पानी से बाहर निकाले की मांग करते रहे, लेकिन देर शाम करीब साढ़े तीन बजे तक क्रेन उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी। परिजनों ने बताया कि जब ट्रक को सुबह साढ़े 11 बजे निकाल लिया गया था तो जीप को पानी से बाहर निकालने के लिए देरी क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी के कर्मचारी जानबूझ कर देरी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि थाची से सुंदरनगर पहुंच गए, लेकिन जीप को नहर से बाहर निकालने में बीबीएमबी प्रशासन विफल रहा। रिश्तेदारों के भड़कने की सूचना मिलने के बाद एसडीएम राहुल चौहान मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति का संभाला। उन्होंने तुरंत क्रेन का प्रबंध करके जीप को पानी से बाहर निकालने के लिए भेजा। इसके बाद परिजन शांत हुए।

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पंडोह बांध से नहर का पानी रोका

कंट्रोल गेट में फंसे एयर फ्यूल से भरे टैंकर को निकालने के लिए प्रशासन और बीबीएमबी प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। बीएसएल प्रोजेक्ट की नहर में रात को टक्कर के बाद गिरे टैंकर से प्रोजेक्ट के कंट्रोल गेट को खतरा पैदा हो गया है। टैंकर को बाहर निकालना सभी के लिए चुनौती बन गया है। टैंकर को बाहर निकालने में परेशानी आने पर उपमंडल प्रशासन ने पंडोह डैम से आने वाले पानी को कम करवाया। ब्यास नदी में बने पंडोह बांध से नहर के माध्यम से पहुंच रहे पानी पर कंट्रोल तक पहुंचता है। इसके बाद यह पानी यहां बनाई गई झील में एकत्रित होकर डैहर पावर हाउस के बाद सतलुज नदी में मिलता है।


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