कर्मचारी वर्ग से कोई नेता पंगा नहीं लेना चाहेगा : जयराम ठाकुर
साथ कोई नेता पंगा नहीं लेना चाहेगा। मुख्यमंत्री सोमवार को सुंदरनगर के जवाहर पार्क में हिमाचल प्रदेश अखिल भारतीय पेंशन वेलफेयर एसोसिएशन के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में कर्मचारियों और पेंशनरों का बहुत बड़ा योगदान रहता है। उन्होंने कहा कि पेंशनरों की मांगों पर अधिकारियों और पेंशनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठकर चचर की जाएगी। उन्होंने कहा कि पेंशनर प्रदेश की परिस्थितियों
संवाद सहयोगी, सुंदरनगर : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कर्मचारी वर्ग के साथ कोई नेता पंगा नहीं लेना चाहेगा। मुख्यमंत्री सोमवार को सुंदरनगर के जवाहर पार्क में हिमाचल प्रदेश अखिल भारतीय पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन के राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जयराम ने कहा प्रदेश के विकास में कर्मचारियों और पेंशनरों का बहुत बड़ा योगदान रहता है। पेंशनरों की मांगों पर अधिकारियों और पेंशनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठ कर चर्चा की जाएगी। पेंशनर प्रदेश की परिस्थितियों को भली भांति जानते हैं। जो पेंशनरों के हित के लिए किया जा सकेगा, सरकार उसे करने का प्रयास करेगी।
जेसीसी की मांग पर भी जल्द निर्णय लिया जाएगा। प्रदेशभर से आए पेंशनरों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश के कर्मियों का जो हक था उसे समय-समय पर दिया गया है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों का अनुभव समाज के काम आता है। उन्होंने कहा कि मैं जो कहता हूं, उसे जिम्मेदारी के साथ करता भी हूं।
इससे पहले सम्मेलन में पहुंचने पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। अध्यक्ष एनआर विशिष्ठ ने सीएम को सम्मानित किया। इस मौके पर एसोसिएशन ने एक लाख 25 हजार और होमगार्ड जवानों ने आदेशक मेजर खेम सिह ठाकुर की अगुआई में 3.40 लाख रुपये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए।
इस मौके पर सांसद रामस्वरूप शर्मा, विधायक राकेश जम्वाल, विनोद कुमार, जवाहर ठाकुर, इंद्र ¨सह गांधी, हीरा लाल, जेआर कटवाल मौजूद रहे।
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मायूस होकर लौटे पेंशनर्स
राज्यस्तरीय सम्मेलन में 5, 10, 15 के लाभ को मूल पेंशन में शामिल करने की मांग की घोषणा न होने पर पेंशनर मायूस होकर लौटे। सम्मेलन में मुख्यमंत्री के समक्ष 5, 10, 15 के लाभ को मूल पेंशन में शामिल करने की मांग को प्रमुखता से उठाया गया। यह लाभ पेंशनरों को भत्ते के रूप में दिया जा रहा है, जिसका पेंशनर विरोध कर रहे थे। पेंशनरों को इस मांग के पूरा होने की उम्मीद थी। लेकिन मुख्यमंत्री पेंशनरों के मांगपत्र को साथ लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा कर पूरा करने का आश्वासन देकर चले गए।