अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में अनुसूचित जाति के लोगों से भेदभाव पर विपक्ष का वाकआउट
International Shivaratri Festival 2020 अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में अनुसूचित जाति के देवलुओं के साथ भेदभाव के मामले में विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया।
शिमला, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में अनुसूचित जाति के देवलुओं (देवता के प्रतिनिधि) के साथ सार्वजनिक भोज के दौरान भेदभाव के मामले में विपक्ष ने शुक्रवार को सदन से वाकआउट किया मगर एक मिनट के बाद सदन में लौट आए। प्रश्नकाल से पूर्व किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत नेगी ने शिवरात्रि मेले के दौरान सार्वजनिक भोज के दौरान अनुसूचित जाति के लोगों के साथ हुए भेदभाव का मामला उठाया।
जगत नेगी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला मंडी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व वरिष्ठ मंत्री के गृह क्षेत्र में ऐसी घटना होना दुखद है। सरकारी खर्च पर होने वाले कार्यक्रम में इस तरह से भेदभाव नहीं होना चाहिए। देवता के नाम पर इस तरह का भेदभाव सही नहीं है। एक मंत्री व विधायक जब मंदिर में नहीं जा सकते तो इससे सरकार की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अनुपस्थिति में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के पास सदन के नेता का जिम्मा है। मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में भंडारे का आयोजन किया गया था। एक व्यक्ति सुशील ने पुलिस को शिकायत की कि सार्वजनिक भोज में उन्ही के गांव के व्यक्ति ने विरोध किया और कहा कि यह जगह आम जगह नहीं है और गालीगलौज की। मामला दर्ज कर दिया गया है। दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। अंतरराष्ट्रीय मेले में हुई इस घटना की सरकार निंदा करती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मंत्री के वक्तव्य पर विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि सरकार की तरफ से वक्तव्य आ गया है मगर विपक्ष ने एक नहीं सुनी। इस दौरान सत्ता पक्ष ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर आरोप लगाए और सदन से नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया।