अब आम और खुमानी से भी तैयार की जा रही है वाइन
प्रथम चरण में कंपनी ने 25 हजार लीटर वाइन तैयार की है। इसके लिए कच्चा माल एचपीएमसी से खरीदा है।
मंडी, सराज सैनी। वाइन के शौकीन अब जल्द ही आम व खुमानी से बनी वाइन का मजा ले सकेंगे। हिमाचल प्रदेश विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) ने पहली बार खुमानी व आम से वाइन तैयार की है। उपभोक्ताओं को जल्द ही मार्केट में वाइन के दोनों ब्रांड मिलेंगे। एचपीएमसी ने दोनों ब्रांड की करीब छह हजार बोतल तैयार की हैं।
वाइन की एक बोतल का दाम 275 से 300 रुपये के बीच होगा। एचपीएमसी इससे पहले सेब, कीवी, स्ट्राबैरी, संतरा व बुरांस की वाइन बनाता था। इन छह फलों व फूलों से बनी वाइन की करीब 25,000 बोतल की खपत प्रदेश में हुआ करती थी। एचपीएमसी पहले वाइन प्रदेश में मौजूद अपने जूस केंद्र में ही बेचता था। देश के प्रमुख शहरों व कस्बों तक वाइन पहुंचाने के लिए एचपीएमसी ने बीते वर्ष दिल्ली की माउंटेन बैरल कंपनी के साथ करार किया। माउंटेन बैरल कंपनी वाइन का उत्पादन मंडी जिले के जड़ोल प्रसंस्करण संयंत्र में कर रही है।
प्रथम चरण में कंपनी ने 25 हजार लीटर वाइन तैयार की है। इसके लिए कच्चा माल एचपीएमसी से खरीदा है। कंपनी वाइन बनाने के लिए एचपीएमसी की मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है। विदेशी विशेषज्ञों की देखरेख में तीन फ्लेवर (स्वाद) की वाइन बनाई गई है। इससे एचपीएमसी को करीब 12 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है।
एचपीएमसी ने आम मंडी व खुमानी शिमला जिले के बागवानों से खरीदी है। इससे बागवानों को फसल बेचने में अब आसानी होगी। आम से एचपीएमसी अब तक आचार, जूस व चटनी जैसे उत्पाद बनाता था। खुमानी से पहली बार उत्पाद बनाया गया है।
कई गुणों की खान खुमानी
खुमानी बीजयुक्त फल है, इसमें कई प्रकार के विटामिन और फाइबर होते हैं। खुमानी के बीज स्वास्थ्य के
लिए लाभदायक हैं। इसके अनेकों लाभ हैं। खुमानी को न सिर्फ फल के रूप में बल्कि इसके बीज भी इम्यू्न
सिस्टम मजबूत करने में सहायक होते हैं। इस फाइबरयुक्त फल से पाचन तंत्र ठीक होता है। इससे हृदय
संबंधी रोगों से आसानी से निजात पाई जा सकती है। कॉलेस्ट्रॉकल भी नियंत्रित होता है। इसके सेवन से त्वचा में निखार आता है। कील, मुहांसे, त्वचा संक्रमण इत्यादि खुमानी के सेवन से दूर हो सकते हैं।
एचपीएमसी के जंडोल संयंत्र में आम व खुमानी से पहली बार वाइन तैयार की गई है। दोनों ब्रांड जल्द मार्केट में उपलब्ध करवाए जाएंगे।
-विनीत कौशिक, प्रबंधक, एचपीएमसी प्रसंस्करण संयंत्र, जड़ोल