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मोबाइल एप में देख पाएंगे रियल टाइम बिजली की खपत, आइआइटी मंडी ने किया स्टार्टअप का चयन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निधि सीड स्पोर्ट सिस्टम प्रोग्राम के तहत दो करोड़ के नौ स्टार्टअप का चयन किया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 03:04 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 03:04 PM (IST)
मोबाइल एप में देख पाएंगे रियल टाइम बिजली की खपत, आइआइटी मंडी ने किया स्टार्टअप का चयन
मोबाइल एप में देख पाएंगे रियल टाइम बिजली की खपत, आइआइटी मंडी ने किया स्टार्टअप का चयन

मंडी, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निधि सीड स्पोर्ट सिस्टम प्रोग्राम के तहत दो करोड़ के नौ स्टार्टअप का चयन किया है। नौ में से पांच स्टार्टअप हिमालय क्षेत्र के हैं। इन पांचाें स्टार्टअप को व्यावसायिक स्तर पर पहुंचने के लिए आइआइटी 90 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग करेगा।

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हाई फाइव इनोवेशन लैब

ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत एचएफआइएल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने प्रत्येक बिजली मीटर को प्रीपेड स्मार्ट मीटर में बदलने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित किफायती, प्रभावी, स्टीक आैर सक्षम समाधान विकसित किया है। प्रीपेड स्मार्ट मीटर से मीटर रीडिंग लेने आैर सर्वर पर अपलोड करने का मेन्युअल काम नहीं करना होगा। इससे स्टीक बिलिंग होगी आैर मानव संसाधन पर खर्च भी कम होगा। इस तकनीक से उपभोक्ता प्रीपेड मीटर के एलसीडी पैनल या अपने मोबाइल एप्लिकेशन में रियल टाइम बिजली खपत देख पाएंगे। इस तरह उपभोक्ता बिजली का अधिक सोच समझ कर उपयोग करेंगे। प्रीपेड स्मार्ट मीटर के रियल टाइम डाटा उपलब्ध रहने से बिजली चोरी का पता लगाने में भी मदद मिलेगी।

सीड फंडिंग के चुने गए स्टार्टअप, योफी मेडिकल हेल्थकेयर

यह स्टार्टअप हेल्थकेयर के क्षेत्र में काम कर रहा है। इसका उद्देश्य कम लागत का नॉन इनवेसिव ब्लड ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग डिवाइस विकसित करना है। नॉन इनवेसिव डायबिटिक प्रोफाइलर अंगुलियाें पर हल्का ब्लड प्रेशर पैदा करेगा आैर छिटकती रोशनी के साथ विजिबल रेंज वेवलेंथ को ब्लॉक कर देगा। इससे अंगुली के दृश्यमान गुणाें में वृद्धि होगी। इसके बाद एक यूनिक केमोमेट्रिक मॉडल सेंसर डाटा को ग्लूकोज के वेल्यू में बदल देगा। एक बाॅयोमीट्रिक विकल्प होगा, जो प्रत्येक उपयोगकर्ता के डाटा को अलग रखेगा, ताकि डाटा के आपस में मिलने की संभावना न हो। यह डिवाइस शुगर की समस्याआें कीटोएसिडोसिस का पता लगाने में भी सहायक होगा। स्टार्टअप को 50 लाख की मदद दी गई है।

ईकेए इंटरप्राइज लिमिटेड

यह स्टार्टअप उद्यम प्रबंधन क्षेत्र में कार्यरत है। इसका लक्ष्य व्यावसायिक यात्रा ईको सिस्टम की परिकल्पना आैर पुर्नसंरचना करना है। एक बिजनेस कार्ड वॉलेट विकसित कर उसके माध्यम से यात्रा एवं व्यय कैटेगरी में कर्मचारियाें के सभी खर्चों का हिसाब रखा जाएगा। इस वॉलेट से कर्मचारी नीतिगत नियंत्रण के साथ रियल टाइम में अपने विवेक से खर्च करने में सक्षम हाेंगे। इस तरह खर्चों की रिपोर्ट देने की जरूरत नहीं रहेगी। इन मॉड्यूल की मदद से फर्जी बिल, पेपर ट्रेल के खर्च, ट्रेवल एजेंसी के खर्च, क्रेडिट कार्ड के खर्च आैर महंगे समाधान अपनाने का खर्च बचने के साथ कंपनियों की कार्य कुशलता भी बढ़ेगी। स्टार्टअप को 30 लाख की मदद दी गई है।

अर्नेटा टेक्नोलॉजी

एकीकृत प्रजनन आैर शोध प्रबंधन प्रणाली (आइबीआरएमएस) बिना रुकावट प्रजनन संबंधी आंकड़े प्राप्त कर विश्लेषण आैर प्रबंधन करने का अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधान आैर प्रक्रिया है। एग्रोटेक क्षेत्र के इस स्टार्टअप की दूरदृष्टि किसानाें आैर उनके कृषि परिवेश का अनुकूलन कर किसानाें की दक्षता आैर पैदावार बढ़ाना  है। इससे फसल रोग निदान का अभूतपूर्व डिजिटल समाधान विकसित कर वैश्विक कृषि परिवेश में डाटा के प्रवाह में सकारात्मक बदलाव आएगा। स्टार्टअप को 20का फंड दिया गया है।

लीयोपैन मोटर्स

स्टार्टअप अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत है। इसका लक्ष्य इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा विकसित करना है, जो ऑटो रिक्शा मालिकाें को ईंधन आैर रखरखाव के भारी खर्च से बचा कर परिचालन की लागत कम करेगा। ई रिक्शा में सेल्फ चार्ज सिस्टम की तकनीक होगी जो पूरे दिन बैटरी का बैकअप बनाए रखेगी। लीयोपैन मोटर्स को 20 लाख का फंड दिया गया है।

ग्रीनट्रेक इनोवेशन

कचरा निपटान प्रबंधन क्षेत्र में कार्यरत ग्रीनटेक इनोवेशन अपने उत्पादाें के निर्माण के लिए स्वच्छ तकनीक इस्तेमाल करने पर काम कर रहा है। यह स्टार्टअप पूरी दुनिया की स्टील रोलिंग मिलाें के स्टील कचरे को रिसाइकल कर बहुत मूल्यवान पिघला धातु बनाएगा।

जेनेटिको रिसर्च एंड डायग्नॉस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कार्यरत जेनेटिको रिसर्च एंड डायग्नॉस्टिक्स प्रा. लिमिटेड असाध्य व आनुवंशिक रोगाें के निदान आैर अनुसंधान में लगे विशेषज्ञाें आैर संस्थानाें के लिए विशेषज्ञतापूर्ण हेल्थ आइटी सिस्टम विकसित कर रहा है। यह सिस्टम भारतीय नियामकाें के अनुसार मरीज के डाटा का प्रबंधन करेगा। जेनेटिक क्लीनिक के कामकाज से जुड़ी क्षमताएं प्रदान करेगा।

डाटाकुंड

यह स्टार्टअप उद्यम प्रबंधन क्षेत्र में कार्यरत है। यह एेसे व्यवसायाें के लिए ऑटोमेशन टूल्स विकसित कर रहा है जो कामकाज के तहत नियमित रूप से किसी  डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हैं। आज जब दुनिया वेब के उपयोग पर केंद्रित है यह स्टार्टअप एेसे सभी उपयोगाें को स्वचालित करने के लिए बॉट बनाने में लगा है। डाटाकुंड मुख्यत डिजिटल मार्केटर्स ई कॉमर्स सेलर्स आैर फ्रिलांसराें के लिए टूल्स बनाने पर केंद्रित है।

सभी स्टार्टअप्स छह माह से लेकर लगभग तीन साल तक संस्थान से जुड़े रहे हैं। विशेषज्ञों के मार्गदर्शन आैर उद्योग जगत के दिग्गजाें से महत्वपूर्ण व्यावसायिक जानकारियां प्राप्त करने में सफल रहे हैं। -डॉ. पूर्ण सिंह कैटलिस्ट शिक्षा प्रभारी आइआइटी मंडी।


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