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जहरीली गैस के रिसाव से अब नहीं होंगे हादसे, आईआईटी के बनाए सैंसर रखेंगे नजर

गैलियम ऑक्साइड से बने सेंसर चिमनी से धुएं के साथ कितनी मात्रा में जहरीली गैस जा रही है, इस पर भी नजर रखेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 10:32 AM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 01:27 PM (IST)
जहरीली गैस के रिसाव से अब नहीं होंगे हादसे, आईआईटी के बनाए सैंसर रखेंगे नजर
जहरीली गैस के रिसाव से अब नहीं होंगे हादसे, आईआईटी के बनाए सैंसर रखेंगे नजर

मंडी, [हंसराज सैनी]। ताप (थर्मल), स्टील व सीमेंट संयंत्रों से निकलने वाली जहरीली गैस अब जानलेवा नहीं बनेगी। गैलियम ऑक्साइड से बने सेंसर अब उच्च तापमान यानी संयंत्रों की चिमनी में भी जहरीली गैस के रिसाव पर पैनी नजर रखेंगे, इससे जानमाल का नुकसान कम हो सकेगा। इससे वायु प्रदूषण नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। गैलियम ऑक्साइड से अगली पीढ़ी के सेंसर विकसित करने पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में शोध चल रहा है। विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड ने 51 लाख रुपये का प्रोजेक्ट सौंपा है।

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आइआइटी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ गैलियम ऑक्साइड से अगली पीढ़ी के ऐसे बिजली उपकरण व सेंसर ईजाद कर रहे हैं, जो थर्मल, स्टील व सीमेंट संयंत्रों के उच्च तापमान वाले उपकरणों में भी आसानी से कार्य करेंगे। फिलहाल, देश में थर्मल व अन्य बड़े संयंत्रों में इस तरह की तकनीक का अभाव है। संयंत्रों से होने वाले जहरीली गैस के रिसाव से आए दिन हादसे होते रहते हैं। अभी जो तकनीक उपलब्ध है, वह उच्च तापमान में सही से कार्य करने में सक्षम नहीं है। थर्मल, स्टील व सीमेंट संयंत्रों से बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड व सल्फर डाइऑक्साइड जैसी जानलेवा गैसों का रिसाव होता है।

गैलियम ऑक्साइड से बने सेंसर चिमनी से धुएं के साथ कितनी मात्रा में जहरीली गैस जा रही है, इस पर भी नजर रखेंगे। सेंसर नेटवर्क से कंप्यूटर से जुड़े रहेंगे। संयंत्रों में काम करने वाले कर्मचारी सेंसर से मिलने वाली रिपोर्ट पर नजर रख सकेंगे। ज्यादा गैस का रिसाव होने पर सेंसर अलार्म बजाकर संयंत्र प्रबंधन व वहां काम करने वाले कर्मचारियों को तुंरत सचेत करेंगे।

वायु प्रदूषण गंभीर चुनौती

वर्तमान में वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या बन गया है, जिससे कोई भी वर्ग अछूता नहीं है। मानव, पेड़-पौधे, वनस्पतियां और जीव-जंतु सभी इससे प्रभावित हैं। इंसान इस कारण जानलेवा बीमारियों का शिकार हो रहा है। यह बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डाल रहा है। जहरीली गैस से इंसान के फेफड़े खराब हो रहे हैं।

गैलियम ऑक्साइड से अगली पीढ़ी के बिजली उपकरण व सेंसर ईजाद किए जा रहे हैं। सेंसर थर्मल व अन्य संयंत्रों में उच्च तापमान में भी काम करने में सक्षम होंगे।

-अंकुश बाग, सहायक प्रोफेसर, आइआइटी, मंडी।


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