मार्च तक प्रदेश सरकार के हवाले नर्सरी का मिड-डे मील
मार्च 2019 तक प्रदेश सरकार को ही नर्सरी कक्षाओं के बच्चों के लिए मिड डे मील का प्रावधान करना होगा। केंद्र सरकार ने नर्सरी को अब तक मिड डे मील योजना में शामिल नहीं किया है। ऐसे मिड डे मील के लिए कोई बजट जारी नहीं किया है। प्रदेश सरकार को मिड डे मील की व्यवस्था करने को कहा है। नए शैक्षणिक सत्र में नए सिरे से नर्सरी के लिए मिड डे मील योजना तैयार की जाएगी। इसके बाद अगल से बजट जारी होगा। सरकार ने इसी वर्ष प्रदेश के 3391 स्कूलों में नर्सरी की पढ़ाई शुरू की है।
संवाद सहयोगी, मंडी : मार्च 2019 तक प्रदेश सरकार को ही नर्सरी कक्षाओं के बच्चों के लिए मिड-डे मील का प्रावधान करना होगा। केंद्र सरकार ने नर्सरी को अब तक मिड-डे मील योजना में शामिल नहीं किया है। ऐसे मिड-डे मील के लिए कोई बजट जारी नहीं किया है। प्रदेश सरकार को मिड-डे मील की व्यवस्था करने को कहा है। नए शैक्षणिक सत्र में नए सिरे से नर्सरी के लिए योजना तैयार की जाएगी। इसके बाद अगले वर्ष से बजट जारी होगा। सरकार ने इसी वर्ष प्रदेश के 3391 स्कूलों में नर्सरी की पढ़ाई शुरू की है। अभिभावकों ने नर्सरी में बच्चों को दाखिला दिलाने में खासी रुचि दिखाई है। इस कारण अब तक पूरे प्रदेश में 14 हजार से अधिक बच्चे दाखिला ले चुके हैं। वहीं नर्सरी की पढ़ाई भी चल रही है, लेकिन बीच सत्र में नर्सरी की पढ़ाई शुरू होने से बच्चों के लिए इस वर्ष अब तक मिड-डे मील का प्रावधान नहीं किया जा सका है। न ही इसके लिए कोई विशेष नीति बनाई जा सकी है। हर स्कूल में कम से कम 10 बच्चों ने नर्सरी में दाखिला लिया है। उनके लिए दोपहर भोजन की व्यवस्था प्रदेश सरकार को करनी पड़ रही है। स्कूलों में केवल पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए ही मिड-डे मील का प्रावधान है।
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मौजूदा समय में प्रदेश सरकार की ओर से नर्सरी के बच्चों के लिए मिड-डे मील की व्यवस्था की जा रही है। मार्च के बाद नर्सरी को केंद्र की मिड-डे मील योजना में शामिल कर लिया जाएगा।
-बलवीर भारद्वाज, जिला परियोजना अधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान।
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वर्दी को लेकर अब तक नहीं बन पाई कोई सहमति
नर्सरी के बच्चों के लिए वर्दी को लेकर अब तक किसी तरह की सहमित नहीं बन पाई है। न ही सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को किसी तरह के आदेश जारी हुए हैं। ऐसे में वर्दी नर्सरी के बच्चों की वर्दी पर अब तक असमंजस बना हुआ है। इस शैक्षणिक सत्र में भी बच्चे रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर स्कूल पहुंच रहे हैं।
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आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर ले रहे पोषाहार :
नर्सरी के बच्चों के लिए जहां कुछ स्कूलों में मिड-डे मील का प्रावधान किया गया है, वहीं कुछ स्कूलों में बच्चे अब तक आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर पौषाहार ले रहे हैं। स्कूल में कक्षाएं लगाने के बाद बच्चे नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर दोपहर का भोजन करते हैं।