नदी से सौ मीटर के दायरे में चल रहे क्रशर होंगे बंद
एक सौ मीटर के दायरे में चल रहे क्रशर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तलखी जताई है। ट्रिब्यूनल ने प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व खनन विभाग को ऐसे क्रशर की सूची तैयार करने का फरमान जारी किया है। खनन विभाग आगामी दो माह में ऐसे क्रशर का निरीक्षण कर इसकी सूची तैयार करेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रुख से आने वाले दिनों में प्रदेश भर के अधिकतर क्रशर संचालकों की परेशानियां बढ़ सकती है। प्रदेश में उच्च न्यायालय के
संवाद सहयोगी, मंडी : हिमाचल प्रदेश में नदियों व खड्डों के सौ मीटर के दायरे में चल रहे क्रशर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तल्ख तेवर जताए हैं। ट्रिब्यूनल ने प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व खनन विभाग को ऐसे क्रशर की सूची तैयार करने का आदेश दिया है, इन्हें बंद किया जाएगा। खनन विभाग आगामी दो माह में ऐसे क्रशर का निरीक्षण कर इनकी सूची तैयार करेगा।
प्रदेश में उच्च न्यायालय के मानकों के अनुरूप क्रशर संचालक रेत-बजरी का कारोबार कर रहे हैं। लेकिन अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वायु व जल प्रदूषण का हवाला देते हुए नदियों व खड्डों के सौ मीटर के दायरे में चल रहे क्रशर को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। तर्क है कि इस दायरे में आने वाले क्रशर प्रदेश की आबोहवा में प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं, इससे आने वाले दिनों में प्रदूषण बढ़ेगा।
खनन विभाग अगले दो माह में ऐसे क्रशर की सूची तैयार कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपेगा। क्रशर की खड्ड व नदियों से दूरी की पैमाइश कर इनकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
------ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद नदियों व खड्डों से सौ मीटर के दायरे वाले क्रशर की सूची तैयार की जाएगी। दो माह में रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी।
-उदय शर्मा, जिला खनन अधिकारी, मंडी।
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प्रदेश में उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश पर क्रशर संचालक रेत-बजरी का कारोबार कर रहे हैं। समय-समय पर सामने आई रिपोर्ट में इन क्रशर से किसी तरह के प्रदूषण की बात भी सामने नहीं आई है। सौ मीटर के दायरे में आने वाले क्रशर के संचालक अगर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं तो यूनियन ऐसे क्रशर संचालकों का भरपूर सहयोग करेगी।
-अजय राणा, अध्यक्ष, क्रशर संचालक यूनियन।