साहब! मेरे बेटे को नशे के चंगुल से छुड़ाइए
दलदल में फंस कर अपनी जिदगी बर्बाद नहीं कर रहे बल्कि मां बाप के बुढ़ापे के सहारे को भी उनसे छीन रहे हैं। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नशे के मकड़जाल में फंस कर अब अपने परिवार के सदस्यों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। मंगलवार को बाल कल्याण समिति की चौखट पर पहुंचे बल्ह घाटी के एक बेबस पिता ने अपने घर के चिराग को बचाने का उम्मीद भरी नजरों से आग्रह किया। जिला कुल्लू में नौकरी करने वाले पिता ने बताया कि घर में उसका भरा पूरा परिवार है। पत्नी समेत एक बेटे व बेटी के साथ सुखमय जीवन जी रहा था। लेकिन जमा एक में पढ़ने वाले उसके इकलौते बेटे को पिछले कुछ समय से नशे की लत लग गई है। स्कूली समय में उसे कब नशे की आदत हो गई उसका जरा भी अहसास उन्हें नहीं हो पाया। अब उसका बेटा पूरी तरह नशे
संवाद सहयोगी, मंडी : बल्ह घाटी में स्कूली छात्र नशे की दलदल में फंसकर अपनी जिदगी तो बर्बाद कर रही रहे हैं, मां-बाप के बुढ़ापे का सहारा भी नहीं बन पा रहे हैं। मंगलवार को बाल कल्याण समिति से बल्ह घाटी के एक बेबस पिता ने घर के चिराग को बचाने की गुहार लगाई है। वह कुल्लू जिला में नौकरी करते हैं। पत्नी, बेटा व बेटी के साथ पूरा परिवार सुखमय जीवन जी रहा था, लेकिन जमा एक में पढ़ने वाले उनके इकलौते बेटे को कुछ समय से नशे की लत लग गई है। स्कूली समय में वह कब नशे की दलदल में फंस गया पता नहीं चला। अब वह नशे में चूर होकर घर पहुंचता है। कुल्लू में नौकरी करते समय अब उन्हें हर वक्त घर में किसी अनहोनी की चिता सताती है। बेटे को उसकी मांग के अनुसार जेब खर्च नहीं दिया जाए तो चोरी व अन्य किसी आपराधिक वारदात में शामिल होने का परिवार के सदस्यों को डर रहता है।
बेबस पिता ने बाल कल्याण समिति के समक्ष उसके बेटे को ऊना जिला के गगरेट क्षेत्र में पुलिस विभाग के नशा निवारण केंद्र में भेजने का आग्रह किया है। समिति के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों ने युवक के पिता का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें उपायुक्त के पास गुहार लगाने की बात कही।
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बेटे के नशे का आदी होने से परेशान पिता की मदद की जाएगी। बल्ह घाटी के एक गांव से पहुंचे व्यक्ति का समिति ने उचित मार्गदर्शन किया है। नशे का कारोबार करने वालों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है, ताकि भोले भाले युवक व युवतियां नशे की चपेट में न फंस सकें।
-दुनी चंद, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति।