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Mandi News: अप्रैल से 2.31 लाख महिलाओं को हर माह मिलेंगे 1500 रुपये : हर्षवर्धन चौहान

Mandi News उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सुकेत देवता मेले के 100 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कि इस उत्सव की बहुमूल्य परंपराओं को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित रखा जाना चाहिए। आगे बोले की कांग्रेस सरकार सभी चुनावी वादों को पूरा करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:07 AM (IST)
Mandi News: अप्रैल से 2.31 लाख महिलाओं को हर माह मिलेंगे 1500 रुपये : हर्षवर्धन चौहान
राज्यस्तरीय देवता मेला सुंदरनगर के समापन पर निकली शोभायात्रा में भाग लेते उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान व गण्यमान्य l जागरण

सुंदरनगर, जागरण संवाददाता। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार सभी चुनावी वादों को पूरा करेगी। पहली अप्रैल से 2.31 लाख महिलाओं को हर माह 1500 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने सुकेत देवता मेले के 100 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कि इस उत्सव की बहुमूल्य परंपराओं को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित रखा जाना चाहिए।

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उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल करने वालों को पुरस्कार वितरित किए। इससे पहले उन्होंने महामाया मंदिर में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की और शोभायात्रा में भाग लिया। उन्होंने कम्युनिटी हाल में कन्या पूजन किया और स्मारिका का विमोचन किया।

मेला में कई लोग शामिल

विधायक राकेश जम्वाल व पूर्व संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर ने भी विचार रखे। इस अवसर पर मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं एसडीएम सुंदरनगर धर्मेश रामोत्रा, पवन ठाकुर, चंपा ठाकुर, नरेश चौहान, नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत शर्मा आदि मौजूद रहे।

सदियों पुरानी परंपरा टूटी

राज्यस्तरीय देवता मेला सुंदरनगर के समापन पर इस बार सदियों पुरानी परंपरा टूट गई। अव्यवस्था से आहत बड़ादेव कमरुनाग अंतिम जलेब में शामिल नहीं हुए। देव कमरुनाग महामाया मंदिर से जलेब निकलने से पहले ही देवलुओं संग मेला स्थल के लिए कूच कर गए। इसका कारण जलेब में उन्हें उचित स्थान नहीं मिलना बताया जा रहा है। देवता मेला के 100 साल के इतिहास में पहली बार देव कमरुनाग जलेब में शामिल नहीं हुए।

राजघराने द्वारा चढ़ाई जाने वाली चादर

मंदिर में अव्यवस्था से आहत देव ने राजघराने द्वारा चढ़ाई जाने वाली चादर को अस्वीकार कर दिया। देव कमरुनाग को महामाया की पालकी के पीछे स्थान नहीं मिला। परंपरा के अनुसार महामाया की पालकी के पीछे देव कमरुनाग का स्थान है।

प्रशासन के इस रवैये से क्षुब्ध देव कमरुनाग को यह अव्यवस्था नागवार गुजरी और वे वहां से अपने देवलुओं संग जलेब निकलने से पहले अकेले मेला स्थल पहुंच गए। देव कमरुनाग कमेटी मझोठी रोहांडा के सचिव दुनी चंद ठाकुर ने बताया कि अव्यवस्था किसकी ओर से हुई है यह देखना प्रशासन का कार्य है। शोभायात्रा में बड़ादेव कमरुनाग द्वारा शिरकत नहीं करने से परंपरा टूटी है।


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